[ad_1]
भाजपा ने बड़ा दांव खेलते हुए रघुराज सिंह शाक्य को मैदान में उतारा है। रघुराज भी मुलायम के ही शिष्य हैं। टिकट फाइनल होने के बाद जब वो मैनपुरी आए तब उनकी बात भी मुलायम से ही शुरू हुई। बेहिचक कहा कि मुलायम उनके गुरु हैं। यहां तक कहा कि विरासत पर पुत्र का नहीं शिष्य का अधिकार होता है। इतना ही नहीं नामांकन करने से पूर्व वो सबसे पहले मुलायम सिंह के समाधी स्थल पर गए।
तस्वीर साफ है सपा मुलायम सिंह को लेकर सियासत की जमीन पर इमोशनल कार्ड खेल रही है तो भाजपा भी मुलायम को भूल नहीं पा रही है। इस चुनाव से स्थानीय मुद्दे गायब हैं। सड़क, बिजली, पानी, सुरक्षा, सेहत से जुड़े मुद्दे फिलहाल एक किनारे हैं। बात सिर्फ मुलायम की विरासत की हो रही है।
यकीनन मैनपुरी सपा का मजबूत किला रहा है और एक बार भी इस लोकसभा से भाजपा जीत नहीं पाई है। चूंकि यह चुनाव मुलायम के नाम पर हो रहा है तो भाजपा भी आक्रामक होने की बजाय मुलायम के अपमान का जिक्र करके सैफई परिवार को घेर रही है।
दिवंगत मुलायम सिंह यादव के समधी और पूर्व विधायक भाजपा नेता हरिओम यादव कहते हैं कि जिन लोगों ने नेताजी का अपमान किया और छल से पार्टी हथिया ली, उन्हें नेताजी की विरासत पर राजनीति करना शोभा नहीं देता।
[ad_2]
Source link