करहल वह विधानसभा सीट है, जहां नेताजी मुलायम सिंह यादव ने पहले शिक्षा का ककहरा सीखा और फिर शिक्षण कार्य भी किया। इसी सीट से सपा प्रमुख और नेता विरोधी दल अखिलेश यादव विधायक भी हैं। चुनाव प्रचार से अब तक दूर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को सपा के गढ़ में दम दिखाने के लिए पहली बार करहल में कदम रखा। उन्होंने परिवारवाद और वंशवाद पर सपा को घेरा तो वहीं नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
मूलरूप से इटावा जिले के सैफई निवासी मुलायम सिंह यादव की शुरुआत शिक्षा करहल से ही हुई थी। करहल के अखाड़े में उन्होंने पहलवानी के दांव पेच सीखे और जैन इंटर कॉलेज में शिक्षण भी किया। मैनपुरी लोकसभा सीट का अभिन्न अंग करहल हमेशा ही मुलायम की जीत में अपनी अहम भूमिका निभाती रही। करहल सीट की महत्ता इस बात से भी पता चल जाती है कि जब अखिलेश यादव ने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लिया, तो उन्होंने भी इसी सीट का चुना। वर्तमान में वे इसी सीट से विधायक हैं।
यादव बहुल इस सीट पर आज तक कभी सीएम योगी आदित्यनाथ नहीं आए। चाहे 2019 का लोकसभा चुनाव हो या फिर 2022 का विधानसभा चुनाव कभी भी करहल विधानसभा सीट में सीएम योगी आदित्यनाथ नहीं आए। ये पहली बार है जब उपचुनाव में प्रचार के साथ सपा के गढ़ करहल में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कदम रखा है। उन्होंने न करहल में कदम रखा बल्कि उन्होंने परिवारवाद और वंशवाद पर सपा को आड़े हाथों लिया। कभी चाचा शिवपाल यादव को पैंडुलम बताया तो कभी भर्तियों में भ्रष्टाचार की बात कर सपा पर बरसे।
सीएम योगी ने करहल के भाजपा कार्यकर्ताओं में भी जोश भरा। जिस नरसिंह इंटर कॉलेज में सभा का आयोजन हुआ वह पूर्व एमएलसी और सपा महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के भांजे अरविंद प्रताप यादव के घर से महज 50 मीटर दूर था। वहीं सीएम योगी का हैलीपेड उनके घर के ठीक सामने ही बनाया गया था। ऐसे में कहीं न कहीं अब सपा के गढ़ में योगी ने कार्यर्ताओं को एक नया संदेश देने का कार्य किया है।
करहल के नरसिंह इंटर कॉलेज में आयोजित सीएम योगी आदित्यनाथ की जनसभा में मंच पर मौजूद नेताओं में जातीय संतुलन बनाकर सबका साथ और सबका विकास का संदेश भी दिया। मंच पर ब्राह्मण समाज के नेता कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, भोगांव विधायक रामनरेश अग्रिहोत्री, और कन्नौज से सांसद सुब्रत पाठक मौजूद थे तो वहीं क्षत्रिय समाज से आने वाले भाजपा के पर्यटन मंत्री और मैनपुरी सदर सीट से विधायक ठाकुर जयवीर सिंह और इटावा विधायक सरिता भदौरिया मौजूद थीं। पिछड़ी जातियों का वोट साधने के लिए जहां यादव समाज से राज्यमंत्री गिरीश चंद्र यादव मौजूद थे तो वहीं बघेल समाज से आने वाले केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल मौजूद थे। दलितों को साधने के लिए सांसद रामशंकर कठेरिया और राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरुण भी मौजूद रहे। इसके साथ ही अन्य जातियों के विधायक और सांसद भी मंच पर नजर आए।
भले ही मैनपुरी लोकसभा सीट पर हो रहे उप चुनाव में भाजपा की सीधी टक्कर सपा है, लेकिन भाजपा नेताओं का रुख नेताजी मुलायम सिंह यादव को लेकर नर्म रहा। सीएम योगी ने जहां नेताजी को संबोधन में सबसे पहले श्रद्धांजलि दी तो वहीं अन्य नेताओं ने भी नेताजी को लेकर संयम बरकरार रखा। इसका भी प्रभाव क्षेत्रीय मतदाताओं पर पड़ सकता है।