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मन की बात
– फोटो : अमर उजाला
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन अक्तूबर 2014 को आकाशवाणी के जरिए ”मन की बात” कार्यक्रम की शुरुआत की थी। उन्होंने इस कार्यक्रम के पहले ही एपिसोड में मेरठ के गौतम पाल का उल्लेख कर यूपी को स्थान दे दिया था। गौतम पाल ने दिव्यांग बच्चों की बेहतरी के लिए नगर पालिका, महानगर पालिका और पंचायतों में विशेष योजनाओं की जरूरत बताई थी।
मोदी ने उनके सुझावों को सराहा था। बाद में केंद्र सरकार ने दिव्यांगों के हित में कई कदम उठाए। मन की बात के अब तक 99 एपिसोड हो चुके हैं। मोदी इन 99 एपिसोड में उत्तर प्रदेश का करीब 71 बार उल्लेख कर चुके हैं। इनमें अभिनव या प्रेरक कार्यों से आम लोगों के जीवन को बदलने में जुटे प्रदेश के 58 नायकों व 11 संस्थाओं का जिक्र शामिल है।
30 अप्रैल को विशेष रूप से प्रसारित होने वाले इस कार्यक्रम की 100वीं कड़ी को ऐसे खास लोगों के लिए भी यादगार बनाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए लखनऊ से दिल्ली तक कार्यक्रम तय हैं। कानपुर के डॉ. अजीत मोहन अर्से से लोगों को नि:शुल्क दवाएं बांट रहे थे। रायबरेली के रजनीश बाजपेयी अपने गांव को स्मार्ट गांव के रूप में विकसित करने में जुटे थे।
देवरिया के शहीद विजय मौर्या की पत्नी लक्ष्मी पति को खोने के बाद भी देश सेवा के लिए अपनी बेटी को भी सेना में भेजने का जज्बा व्यक्त कर रही थीं। बरेली की दीपमाला पांडेय कोविड काल में वन टीचर-वन कॉल अभियान के जरिए दिव्यांग बच्चों के नामांकन में जुटीं थीं। झांसी की गुरपीत और गुरलीन चावला बुंदेलखंड जैसे सूखाग्रस्त क्षेत्र झांसी में स्ट्राबेरी की सफल खेती कर रहीं थीं।
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