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मथुरा में फिरौती के उद्देश्य से अपहरण कर हत्या के मामले में अपर जिला जज सप्तम संजय चौधरी की अदालत ने चार दोषियों को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वारदात 13 वर्ष पूर्व हुई थी, जिसमें वृंदावन के गांव तेहरा प्रेमनगर से जेनरेटर मिस्त्री को पहले घर से अपहृत किया, फिर 50 लाख की फिरौती मांगी। फिरौती न देने पर बदमाशों ने उनकी हत्या कर दी थी।
वारदात वृंदावन कोतवाली क्षेत्र के ग्राम तेहरा निवासी भोलेश्वर उर्फ बालो के साथ हुई। 22 अप्रैल 2009 की शाम को गांव के ही फूल सिंह और हुकम सिंह जेनरेटर सही कराने के नाम पर भोलेश्वर को अपने साथ ले गए। जब वह वापस नहीं लौटा तो पिता हरीराम ने वृंदावन कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज कराई।
इसके बाद पिता के पास 50 लाख की फिरौती के लिए बदमाशों के फोन कॉल आए। पांच महीने में जब पिता फिरौती का इंतजाम नहीं कर सका तो बदमाशों ने 21 सितंबर 2009 को राजस्थान की धौलपुर कोतवाली क्षेत्र के गुदराई वाले कुआं के पास भोलेश्वर की गर्दन काटकर हत्या कर दी। पिता ने धौलपुर पहुंचकर शव की शिनाख्त की।
इन लोगों को हुई सजा
वृंदावन कोतवाली पुलिस ने निरंजन बघेल निवासी ग्राम छरौरा वृंदावन, दिनेश निवासी ग्राम तेहरा वृंदावन, हुकम सिंह उर्फ बलवीर ठाकुर निवासी नौगांव छाता, फूल सिंह उर्फ फूली निवासी औरंगाबाद को फिरौती के लिए अपहरण कर हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया। पुलिस ने सभी के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। केस की सुनवाई एडीजे सप्तम संजय चौधरी की अदालत में हुई।
एडीजीसी मुकेश गोस्वामी ने बताया कि अदालत ने निरंजन बघेल, दिनेश, हुकम सिंह उर्फ बलवीर व फूल सिंह को बालो की फिरौती के लिए अपहरण कर धौलपुर में हत्या करने का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 25-25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। सभी अभियुक्त जमानत पर थे। अदालत के निर्णय के बाद अभियुक्तों को जेल भेज दिया गया।
विस्तार
मथुरा में फिरौती के उद्देश्य से अपहरण कर हत्या के मामले में अपर जिला जज सप्तम संजय चौधरी की अदालत ने चार दोषियों को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वारदात 13 वर्ष पूर्व हुई थी, जिसमें वृंदावन के गांव तेहरा प्रेमनगर से जेनरेटर मिस्त्री को पहले घर से अपहृत किया, फिर 50 लाख की फिरौती मांगी। फिरौती न देने पर बदमाशों ने उनकी हत्या कर दी थी।
वारदात वृंदावन कोतवाली क्षेत्र के ग्राम तेहरा निवासी भोलेश्वर उर्फ बालो के साथ हुई। 22 अप्रैल 2009 की शाम को गांव के ही फूल सिंह और हुकम सिंह जेनरेटर सही कराने के नाम पर भोलेश्वर को अपने साथ ले गए। जब वह वापस नहीं लौटा तो पिता हरीराम ने वृंदावन कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज कराई।
इसके बाद पिता के पास 50 लाख की फिरौती के लिए बदमाशों के फोन कॉल आए। पांच महीने में जब पिता फिरौती का इंतजाम नहीं कर सका तो बदमाशों ने 21 सितंबर 2009 को राजस्थान की धौलपुर कोतवाली क्षेत्र के गुदराई वाले कुआं के पास भोलेश्वर की गर्दन काटकर हत्या कर दी। पिता ने धौलपुर पहुंचकर शव की शिनाख्त की।
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