Mathura: फैक्टरियों से निकला जहरीला पानी पीने के बाद 12 भैंसों की मौत, पीड़ितों ने की मुआवजे की मांग

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मथुरा के कोसीकलां क्षेत्र में कोटवन-नवीपुर औद्योगिक क्षेत्र में फैक्टरियों से निकलने वाला केमिकल युक्त पानी पशुओं की जान पर भारी पड़ रहा है। बिना ट्रीटमेंट फैक्टरी से छोड़ा गया जहरीला पानी पीने से 12 भैंसें मर गईं, जबकि एक गंभीर रूप से बीमार हो गई। भैंसों की मौत होने से ग्रामीणों में आक्रोश फैल गई। उन्होंने फैक्टरी पर कार्रवाई और मुआवजे की मांग प्रशासन से की। शनिवार को मौके पर पहुंचे प्रदूषण विभाग के अधिकारियों ने गंदे पानी का नमूना लेकर जांच को भेजा है।

राजस्थान के मारवाड़ी परिवार के लोग चारे एवं पानी की कमी के चलते मवेशियों को प्रतिवर्ष उत्तर प्रदेश में लेकर आते हैं, जिससे जंगलों में पर्याप्त चारे के साथ-साथ पीने के पानी की समस्या से निजात मिल सके। पिछले कई दिनों से बयाना राजस्थान के गांव सिंगरावली निवासी विजय सिंह, सबरन सिंह, लक्खों आदि साथियों के साथ कोटवन-नवीपुर औद्योगिक क्षेत्र में डेरा डाल रखा। 

रजबहा में बह रहा जहरीली पानी 

औद्योगिक क्षेत्र से गुजरने वाले रजबहा में शनिवार को उनकी भैंस पानी के लिए उतर गई। रजबहा में बह रहे फैक्टरियों के पानी को मवेशियों ने पी लिया। जिससे 13 भैंसें मर गईं। एसडीएम कमलेश गोयल प्रदूषण विभाग एवं वेटरनेरी चिकित्सकों को लेकर वहां पहुंच गए और जांच की। 

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दिखाया जा रहा ठेंगा

बड़ी संख्या में फैक्टरियों में एनजीटी व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइडलाइन को ठेंगा दिखाया जा रहा है। सभी फैक्टरियों को ट्रीटमेंट के बाद ही पानी बाहर छोड़ने के लिए कहा गया है। कुछ फैक्टरियों ने अपने ट्रीटमेंट चेंबर बनाए हुए हैं, मगर बड़ी संख्या में फैक्टरियां बिना ट्रीटमेंट के ही केमिकलयुक्त व जहरीला पानी बाहर छोड़ रही हैं। प्रदूषित जल पीने से पहले भी कई मवेशी मर चुके हैं। 

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मथुरा के कोसीकलां क्षेत्र में कोटवन-नवीपुर औद्योगिक क्षेत्र में फैक्टरियों से निकलने वाला केमिकल युक्त पानी पशुओं की जान पर भारी पड़ रहा है। बिना ट्रीटमेंट फैक्टरी से छोड़ा गया जहरीला पानी पीने से 12 भैंसें मर गईं, जबकि एक गंभीर रूप से बीमार हो गई। भैंसों की मौत होने से ग्रामीणों में आक्रोश फैल गई। उन्होंने फैक्टरी पर कार्रवाई और मुआवजे की मांग प्रशासन से की। शनिवार को मौके पर पहुंचे प्रदूषण विभाग के अधिकारियों ने गंदे पानी का नमूना लेकर जांच को भेजा है।

राजस्थान के मारवाड़ी परिवार के लोग चारे एवं पानी की कमी के चलते मवेशियों को प्रतिवर्ष उत्तर प्रदेश में लेकर आते हैं, जिससे जंगलों में पर्याप्त चारे के साथ-साथ पीने के पानी की समस्या से निजात मिल सके। पिछले कई दिनों से बयाना राजस्थान के गांव सिंगरावली निवासी विजय सिंह, सबरन सिंह, लक्खों आदि साथियों के साथ कोटवन-नवीपुर औद्योगिक क्षेत्र में डेरा डाल रखा। 

रजबहा में बह रहा जहरीली पानी 

औद्योगिक क्षेत्र से गुजरने वाले रजबहा में शनिवार को उनकी भैंस पानी के लिए उतर गई। रजबहा में बह रहे फैक्टरियों के पानी को मवेशियों ने पी लिया। जिससे 13 भैंसें मर गईं। एसडीएम कमलेश गोयल प्रदूषण विभाग एवं वेटरनेरी चिकित्सकों को लेकर वहां पहुंच गए और जांच की। 

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दिखाया जा रहा ठेंगा

बड़ी संख्या में फैक्टरियों में एनजीटी व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइडलाइन को ठेंगा दिखाया जा रहा है। सभी फैक्टरियों को ट्रीटमेंट के बाद ही पानी बाहर छोड़ने के लिए कहा गया है। कुछ फैक्टरियों ने अपने ट्रीटमेंट चेंबर बनाए हुए हैं, मगर बड़ी संख्या में फैक्टरियां बिना ट्रीटमेंट के ही केमिकलयुक्त व जहरीला पानी बाहर छोड़ रही हैं। प्रदूषित जल पीने से पहले भी कई मवेशी मर चुके हैं। 

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