वृंदावन के ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के समय बढ़ाने पर रोक लगाने संबंधी प्रार्थना पत्र पर अदालत 14 दिसंबर को निर्णय देगी। बृहस्पतिवार को सिविल जज जूनियर डिवीजन ने सेवायत हिमांशु गोस्वामी व अन्य के 30 नवंबर को दिए प्रार्थना पत्र पर निर्णय के लिए यही तारीख दी है। इससे पूर्व अधिवक्ता दीपक शर्मा व अधिवक्ता गिरधारी शर्मा के प्रार्थना पत्रों पर भी अदालत को 14 दिसंबर को ही सुनवाई करनी है। वहीं बृहस्पतिवार को ठाकुर जी के मंदिर में पूर्व की तरह ही सेवा की गई।
सिविल जज जूनियर डिवीजन की न्यायाधीश ने ठाकुर बांके बिहारी जी महाराज के दर्शनों का समय बढ़ा दिया था। इसमें ठाकुर जी के दर्शन 8 घंटे की बजाय लगभग 11 घंटे के लिए कर दिया गया है। इस आदेश का अनुपालन एक दिसंबर से होना था। एक दिसंबर से मंदिर में ठाकुर जी का दर्शन समय बढ़ाने संबंधी आदेश की प्रति मंदिर मैनेजर मुनीष शर्मा ने एक दिन पूर्व मंदिर के बाहर चस्पा भी कर दी थी।
नहीं हुआ आदेश का पालन
आदेश के अनुसार, सेवायत गोस्वामीजनों को सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर मंदिर में प्रवेश करना था। सुबह 7.30 मिनट पर दर्शन कर 7 बजकर 40 मिनट पर आरती करनी थी। परंतु बृहस्पतिवार को ऐसा नहीं हुआ। सेवायत ने लगभग 8 बजकर 40 मिनट पर शृंगार आरती की। शृंगार आरती से लेकर ठाकुर जी की शयन भोग सेवा पूर्व की तरह की गई। अधिवक्ता गिरधारी शर्मा ने बताया कि उनके द्वारा 30 नवंबर को दिया गया प्रार्थना पत्र कोर्ट ने खारिज कर दिया। वहीं पूर्व में मंदिर के संबंध में दिए प्रार्थना पत्र पर 14 दिसंबर को सुनवाई होनी है।
हम परंपरागत सेवा में कोई व्यवधान नहीं करेंगे
ठाकुर श्रीबांके बिहारी मंदिर के शयन भोग सेवाधिकारी सुमित गोस्वामी ने कहा कि बृहस्पतिवार को शयन भोग की सेवा में मैं भी मौजूद रहा। ठाकुर श्रीबांके बिहारी जी हमारे प्राणों से प्यारे हैं ,हम उनकी परंपरागत जो सेवा चल रही है उसी को जारी रखेंगे। उस सेवा कोई व्यवधान स्वीकार नहीं है। हम उसी प्रकार से ठाकुर बांके बिहारी जी महाराज की सेवा करेंगे।
सेवायत आचार्य प्रहलाद बल्लभ गोस्वामी ने कहा कि यह भी लीलाधारी प्रभु श्री बांकेबिहारीजी महाराज की ही लीला है कि अदालत के आदेश के बाद भी नवीन समय सारिणी का अनुपालन नहीं हो पाया। ठाकुरजी के दर्शन पूर्व निर्धारित समयानुसार ही खुले। प्राचीन परंपराओं का पोषण अत्यावश्यक है।
विस्तार
वृंदावन के ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के समय बढ़ाने पर रोक लगाने संबंधी प्रार्थना पत्र पर अदालत 14 दिसंबर को निर्णय देगी। बृहस्पतिवार को सिविल जज जूनियर डिवीजन ने सेवायत हिमांशु गोस्वामी व अन्य के 30 नवंबर को दिए प्रार्थना पत्र पर निर्णय के लिए यही तारीख दी है। इससे पूर्व अधिवक्ता दीपक शर्मा व अधिवक्ता गिरधारी शर्मा के प्रार्थना पत्रों पर भी अदालत को 14 दिसंबर को ही सुनवाई करनी है। वहीं बृहस्पतिवार को ठाकुर जी के मंदिर में पूर्व की तरह ही सेवा की गई।
सिविल जज जूनियर डिवीजन की न्यायाधीश ने ठाकुर बांके बिहारी जी महाराज के दर्शनों का समय बढ़ा दिया था। इसमें ठाकुर जी के दर्शन 8 घंटे की बजाय लगभग 11 घंटे के लिए कर दिया गया है। इस आदेश का अनुपालन एक दिसंबर से होना था। एक दिसंबर से मंदिर में ठाकुर जी का दर्शन समय बढ़ाने संबंधी आदेश की प्रति मंदिर मैनेजर मुनीष शर्मा ने एक दिन पूर्व मंदिर के बाहर चस्पा भी कर दी थी।
नहीं हुआ आदेश का पालन
आदेश के अनुसार, सेवायत गोस्वामीजनों को सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर मंदिर में प्रवेश करना था। सुबह 7.30 मिनट पर दर्शन कर 7 बजकर 40 मिनट पर आरती करनी थी। परंतु बृहस्पतिवार को ऐसा नहीं हुआ। सेवायत ने लगभग 8 बजकर 40 मिनट पर शृंगार आरती की। शृंगार आरती से लेकर ठाकुर जी की शयन भोग सेवा पूर्व की तरह की गई। अधिवक्ता गिरधारी शर्मा ने बताया कि उनके द्वारा 30 नवंबर को दिया गया प्रार्थना पत्र कोर्ट ने खारिज कर दिया। वहीं पूर्व में मंदिर के संबंध में दिए प्रार्थना पत्र पर 14 दिसंबर को सुनवाई होनी है।