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आरोप है आस्था की डोर से बंधे चले आए भक्तों पर आश्रम के समीप, फुटपाथ पर सोने पर रात में पानी की बौछार कर गई। सर्द रात में पानी की बौछार से जागे भक्तों को दौड़ाया गया। कहा गया कि अगर दोबारा यहां सोते पाए गए तो पानी डाल दिया जाएगा। आश्रमों की शोभा खराब न हो, इसलिए कन्हैया के भक्तों के साथ इस अमानवीय कृत्य से धर्म की व्याख्या करने वालों के चेहरे से नकाब हट गया है।
फुटपाथ पर जीवन गुजार रहे मांगेराम ने बताया कि उनका दुनिया में कोई नहीं है। आखिरी वक्त में कन्हैया की नगरी में आ गए। यहां आश्रमों में कथाएं सुनते हैं। खाने को मिल जाता है लेकिन जब रात में सोने की बात आती है तो आश्रम जगह नहीं देते हैं। फुटपाथ पर ही जीवन गुजार रहा हूं। रात में पानी डाल दिया, कपड़े भीग गए। वे अकेले नहीं हैं, हजारों बेसहारा भक्त वृंदावन, मथुरा, गोवर्धन में ऐसे ही जीवन गुजार रहे हैं। आश्रम के बाहर रुकते हैं तो भगा दिया जाता है।
शुक्रवार को मृत मिली दोनों महिलाओं के शवों का पोस्टमार्टम नहीं हो सका। पुलिस उनके परिजन के आने का इंतजार कर रही है। संत कॉलोनी में 61 वर्षीय चंपा गुप्ता निवासी लखनऊ और 68 वर्षीय सुशीला निवासी बिहार के संदिग्ध अवस्था में शव मिले थे। पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमार्टम गृह भेज दिया।
पुलिस ने दोनों के परिवार से संपर्क करने का प्रयास किया। बिहार निवासी सुशीला के पुत्र ने आने में असमर्थता जताई जबकि लखनऊ निवासी चंपा गुप्ता के परिवार से संपर्क नहीं हो सका है। कोतवाली प्रभारी सूरज प्रकाश शर्मा का कहना है कि जब तक परिवार के लोगों की स्वीकृति नहीं मिल जाती, पोस्टमार्टम नहीं हो सकता।
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