पहले जानिए मायावती के दोनों ट्विट के बारे में
भाजपा के लिए क्या कहा?
तेलंगाना में भाजपा से निलंबित विधायक टी राजा सिंह ने पैगम्बर मोहम्मद पर एक विवादित बयान दिया था। इसके बाद से देशभर में उनके खिलाफ आक्रोश बढ़ गया। बसपा प्रमुख मायावती ने इसी मुद्दे को उठाया। उन्होंने ट्विट कर लिखा ‘अभी भाजपा से निलंबित नुपूर शर्मा द्वारा पैगम्बर-ए-इस्लाम के विरुद्ध विवादित टिप्पणी पर देश भर में गर्माया माहौल पूरी तरह से ठंडा भी नहीं हो पाया है कि बीजेपी के अन्य नेता तेलंगाना के विधायक राजा सिंह ने उसी प्रकार का उत्तेजनात्मक कार्य किया है। जो अति-शर्मनाक व घोर निंदनीय है।’
मायावती ने आगे लिखा, ‘हालांकि तेलंगाना सरकार ने बीजेपी विधायक को आज हैदराबाद में गिरफ्तार कर लिया है। किन्तु क्या यह बीजेपी नेतृत्व की जिम्मेदारी नहीं बनती है कि वह अपने लोगों को संयमित व नियंत्रित रखकर देश में अमन-शांति कायम रखने के साथ-साथ विदेशों में भारत की छवि को भी आघात लगने से बचाए।’
मायावती ने समाजवादी पार्टी के लिए क्या कहा?
बसपा प्रमुख ने आज समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधा। इशारों में कहा कि अखिलेश यादव मुसलमानों को पसंद नहीं करते हैं। यही कारण है कि जब आजम खान जेल में बंद थे, तब वह उनसे मिलने नहीं गए, जबकि रमाकांत यादव से मिलने चले गए।
मायावती ने लिखा, ‘समाजवादी पार्टी के प्रमुख द्वारा आजमगढ़ जेल जाकर वहां कैद पार्टी के बाहुबली विधायक रमाकांत यादव से मिलकर उनसे सहानुभूति व्यक्त करने पर हर तरफ से तीखी प्रतिक्रिया होना स्वाभाविक है। यह इस आम धारणा को भी प्रबल करता है कि सपा इस प्रकार के आपराधिक तत्वों की संरक्षक पार्टी है। साथ ही, विभिन्न संगठनों व आम लोगों द्वारा भी सपा प्रमुख से यह सवाल पूछना क्या अनुचित है कि वे मुस्लिम नेताओं से मिलने जेल क्यों नहीं जाते हैं। जबकि उनका ही आरोप है कि यूपी बीजेपी सरकार में सपा नेताओं को फर्जी मुकदमों में फंसाकर जेल में कैद रखा जा रहा है।’
अब जानिए बसपा की लड़ाई किससे?
यही सवाल हमने वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद कुमार सिंह से किया। उन्होंने कहा, ‘बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती जाति और धार्मिक आधार पर वोट मांगने के लिए बिल्कुल स्पष्ट हैं। दलित आज भी मायावती को अपना मसीहा मानते हैं।’
प्रमोद ने तीन बिंदुओं में समझाया कि बसपा की लड़ाई किससे है? आइए जानते हैं…