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गुलाब ने शैलेंद्र को कमरा खोलने को कहा, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं आया। इस बीच काफी संख्या में छात्र एकत्रित हो गए। छात्रों ने मोबाइल के कैमरे को दरवाजे के नीचे से अंदर डालकर देखा तो शैलेंद्र फंदे पर लटका था। छात्रों ने कमरे के दरवाजे को तोड़ दिया और शैलेंद्र को फंदे से उतारा और जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां चिकित्सक ने शैलेंद्र को मृत घोषित कर दिया। इससे छात्राओं में आक्रोश फैल गया।
छात्र-छात्राओं ने मेडिकल कॉलेज के स्टाफ और प्राचार्या डॉ. संगीता अनेजा पर शोषण करने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। मेडिकल छात्र हाईवे पर पहुंच गए और जाम कर दिया। सूचना पर एसपी सिटी सर्वेश मिश्रा और सीओ सिटी हरिमोहन सिंह के साथ नगर मजिस्ट्रेट मनोज कुमार पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे और आक्रोशित छात्रों को समझाया। तब कहीं जाकर छात्र हाईवे से हटे।
पिता ने कहा, बेटा मानसिक उत्पीड़न नहीं सह पाया
छात्र शैलेंद्र के पिता उदय सिंह का कहना है कि बेटा लगातार कॉलेज में मानसिक उत्पीड़न किए जाने की शिकायत कर रहा था। एक क्लर्क ने शुक्रवार को उसे स्कॉलपशिप फॉर्म भरने को लेकर भी परेशान किया था। उनका बेटा मेडिकल कॉलेज प्रशासन का उत्पीड़न नहीं सह पाया और जान दे दी। कहा, हाजिरी शॉर्ट होने की बात भी गलत है, जब वह हॉस्टल में ही रह रहा है तो क्लास क्यों नहीं अटेंड करेगा।
छात्र की मौत के लिए प्राचार्या दोषी : विधायक
शिकोहाबाद के सपा विधायक डॉ. मुकेश वर्मा ने मेडिकल कॉलेज प्राचार्या पर संगीन आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल छात्र की मौत के लिए जिम्मेदार प्राचार्या डॉ. संगीता अनेजा हैं। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले ही स्वास्थ्य मंत्री व प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और केंद्र व प्रदेश सरकार को पत्र लिखा था कि प्राचार्या कई तरह की अनियमितता में लिप्त हैं। इसी के चलते भविष्य के एक चिकित्सक की जान चली गई।
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