उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में मुलाकात के बहाने अब नशा और हथियार लाना आसान नहीं होगा। यहां निगरानी और सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए दो स्कैनिंग मशीनें और 34 नए सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएंगे।
ऐसा होने पर जेल में बंदियों से मुलाकात के बहाने हथियार, नशीला पदार्थ या अन्य खतरनाक श्रेणी का कोई सामान लाना आसान नहीं होगा। स्कैनिंग मशीन और सीसीटीवी कैमरों में ऐसी गतिविधि कैद हो जाएगी। इसके लिए जिला कारागार की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। उम्मीद है कि जल्द ही इस पर मुहर भी लग जाएगी।
सूचना के मुताबिक पिछले महीने ही बंदी से मुलाकात करने आए अधिवक्ता अनुज गुप्ता को 2000 नशीली गोलियों के साथ पकड़ा गया था। ये गोलियां अधिवक्ता के सैंडल की तली से बरामद की गईं थीं। अधिवक्ता जेल के तीन गेट पार करने के बाद बंदी तक पहुंच गया था। इसके अलावा अक्तूबर माह में भी इंचौली निवासी तौसीफ रस के पैकेट में भांग लेकर गया था। इन घटनाओं के बाद ही जेल प्रशासन हरकत में आया और अब निगरानी एवं सुरक्षा के लिए नए इंतजाम किए जा रहे हैं।
जिला कारागार में दो स्कैनिंग मशीनें और 34 नए कैमरे लगाए जाएंगे जेलर राकेश वर्मा ने बताया कि जेल में 1707 बंदियों की क्षमता है, लेकिन यहां 2996 बंदी हैं। ऐसे में सुरक्षा और निगरानी भी एक चुनौती है। जेल के मुख्य द्वार से लेकर अंदर के परिसर और बैरकों तक 38 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन अब 34 और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं। वहीं, बाहर से आने वाले सामान की जांच के लिए दो स्कैनिंग मशीनें भी लगाई जानी हैं। अभी तक जेल में स्कैनिंग मशीन नहीं है।
जेलर ने बताया कि कारागार में बाउंड्रीवाल, मुलाकात स्थल, गिरदा गैलरी, सर्किल गैलरी, अस्पताल सहित अन्य जगहों पर कड़ी निगरानी की जाएगी। सीसीटीवी कैमरों का कंट्रोल रूम वरिष्ठ जेल अधीक्षक के कार्यालय में बनाया गया है। मुलाकात के दौरान ही आशंका रहती है कि कोई मुलाकाती संदिग्ध वस्तु लेकर जेल परिसर में प्रवेश न कर जाए। ऐसे समय अब अधिक सतर्कता भी बरती जा रही है।
स्कैनिं- जेल में बंदियों की सख्या कारागार में बंदियों की क्षमता- 1707 जेल बंदी सख्या – 2996 महिला बंदी – 126 आजीवन करावास बंदी संख्या – 500 बैरक सख्या – 39
विस्तार
उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में मुलाकात के बहाने अब नशा और हथियार लाना आसान नहीं होगा। यहां निगरानी और सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए दो स्कैनिंग मशीनें और 34 नए सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएंगे।
ऐसा होने पर जेल में बंदियों से मुलाकात के बहाने हथियार, नशीला पदार्थ या अन्य खतरनाक श्रेणी का कोई सामान लाना आसान नहीं होगा। स्कैनिंग मशीन और सीसीटीवी कैमरों में ऐसी गतिविधि कैद हो जाएगी। इसके लिए जिला कारागार की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। उम्मीद है कि जल्द ही इस पर मुहर भी लग जाएगी।
सूचना के मुताबिक पिछले महीने ही बंदी से मुलाकात करने आए अधिवक्ता अनुज गुप्ता को 2000 नशीली गोलियों के साथ पकड़ा गया था। ये गोलियां अधिवक्ता के सैंडल की तली से बरामद की गईं थीं। अधिवक्ता जेल के तीन गेट पार करने के बाद बंदी तक पहुंच गया था। इसके अलावा अक्तूबर माह में भी इंचौली निवासी तौसीफ रस के पैकेट में भांग लेकर गया था। इन घटनाओं के बाद ही जेल प्रशासन हरकत में आया और अब निगरानी एवं सुरक्षा के लिए नए इंतजाम किए जा रहे हैं।
जिला कारागार में दो स्कैनिंग मशीनें और 34 नए कैमरे लगाए जाएंगे
जेलर राकेश वर्मा ने बताया कि जेल में 1707 बंदियों की क्षमता है, लेकिन यहां 2996 बंदी हैं। ऐसे में सुरक्षा और निगरानी भी एक चुनौती है। जेल के मुख्य द्वार से लेकर अंदर के परिसर और बैरकों तक 38 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन अब 34 और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं। वहीं, बाहर से आने वाले सामान की जांच के लिए दो स्कैनिंग मशीनें भी लगाई जानी हैं। अभी तक जेल में स्कैनिंग मशीन नहीं है।