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नागरी प्रचारिणी सभा वाराणसी
– फोटो : अमर उजाला
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नागरी प्रचारिणी सभा और विश्वप्रसिद्ध आर्यभाषा पुस्तकालय के दिन बहुरने के आसार हैं। हाईकोर्ट इलाहाबाद के आदेश पर एडीएम सिटी और पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम पांडुलिपियों का हाल देखने के लिए बृहस्पतिवार को नागरी प्रचारिणी सभा पहुंचेगी। कोर्ट के आदेश पर जिलाधिकारी ने जांच समिति का गठन किया है। मामले की अगली सुनवाई 29 मई को होगी।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अजय भनोट ने सभाजीत शुक्ला व 22 अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर दिया है। हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी वाराणसी को आदेश दिया था कि वह एडीएम रैंक के अधिकारी और एएसआई के सदस्य को जांच के लिए नामित करें। जांच टीम अब आर्य भाषा पुस्तकालय की जांच करेगी और उसको संरक्षित करने की रिपोर्ट तैयार करेगी। टीम यह भी देखेगी कि पुस्तकालय तक शोध छात्र व विद्वानों को पहुंचने से रोका जा रहा है या नहीं। इस रिपोर्ट के आधार पर 29 मई को अगली सुनवाई होगी। बता दें कि नागरी प्रचारिणी सभा के चुनाव परिणाम आने के बाद भी नई प्रबंध समिति को अभी तक जिम्मेदारी नहीं मिल सकी है। वहीं आर्यभाषा पुस्तकालय पर महीने भर से ताला लटक रहा है। इसके कारण शोध छात्रों को रोजाना लौटना पड़ रहा है। पुस्तकालय के इतिहास में पहला मौका है, जब इतने लंबे समय तक आर्यभाषा पुस्तकालय पर ताला लटक रहा है।
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