श्री काशी विश्वनाथ धाम ने इस बार सावन में अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पूरे सावन में एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने धाम में दर्शन पूजन किया, वहीं, 5 करोड़ से अधिक का चढ़ावा भी चढ़ाया गया। श्रद्धालुओं ने बाबा को एक करोड़ रुपये का सोना दान किया है। साथ ही 40 किलो चांदी भी दान में दी गई है। मनी ऑर्डर, दानपात्र, ऑनलाइन और ऑफलाइन मिलाकर चढ़ावा आया है। सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) सुनील कुमार वर्मा के अनुसार, लगभग 40 किलो से ज्यादा चांदी, एक करोड़ से अधिक का सोना श्रद्धालुओं ने दान दिया है।
धर्मार्थ कार्य निदेशालय के निदेशक और कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि धाम बनने के बाद सामान्य दिन में धाम में डेढ़ से दो लाख दर्शनार्थी पहुंच रहे थे। सावन में सभी रिकॉर्ड टूट गए। प्रतिदिन ढाई से तीन लाख श्रद्धालु जलाभिषेक करने पहुंचे, पूरे माह का अगर आंकड़ा देखा जाए तो यह एक करोड़ के पार हो गया है।
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि सावन के सोमवार की बात करें तो पहले सोमवार को 5.5 लाख, दूसरे पर छह लाख, तीसरे सोमवार को 7.10 लाख और चौथे सोमवार को 7.20 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा के दरबार में हाजिरी लगाई।
मंडलायुक्त ने बताया कि सावन में श्रद्धालुओं की सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया था। टेंट, मैटिंग, पेयजल, ग्रिल, बिजली कूलर सहित अन्य संसाधनों की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई थी, ताकि किसी भी श्रद्धालु को असुविधा ना हो। इस व्यवस्था को करने में मंदिर प्रशासन द्वारा लगभग डेढ़ से दो करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
श्री काशी विश्वनाथ धाम बनने के बाद आसपास के इलाकों में स्थित मंदिरों में भी भक्तों के पहुंचने का सिलसिला बढ़ा है। वाराणसी के अन्य प्रमुख मंदिरों के अलावा विंध्याचल मंदिर में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। सीईओ ने बताया कि विश्वनाथ मंदिर के चारों गेट पर लगे हेड काउंटिंग मशीन के जरिये श्रद्धालुओं की गिनती की गई है। इसी आधार पर ये आंकड़े जारी किए गए हैं।
मंडलायुक्त ने बताया कि धाम पहुंचने वाले शिव भक्तों के कारण वाराणसी और आसपास के इलाके में पर्यटन उद्योग को भी गति मिली है।