कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे – फोटो : सोशल मीडिया
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
वाराणसी में महापौर सीट अनारक्षित घोषित होने के साथ ही सभी पार्टियों में हलचल तेज हो गई है। सभी ने चुनाव को लेकर तैयारी तेज कर दी है। जल्द ही सभी राजनीतिक दल अपने पत्ते खोलेंगे। फिलहाल पार्टियों में बैठकों के जरिए आवेदन लेने की प्रक्रिया चल रही है। इसी के साथ ही पैरवी लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हो रही है। अनारक्षित होने के चलते सभी जातियों के लिए इस बार खुला मैदान है। इस नाते उनके पैरोकार पैरवी में जुट गए हैं। कई दावेदार दिल्ली रवाना हो चुके हैं। भाजपा और सपा ने पहले ही दावेदारों के आवेदन लिए हैं, जबकि कांग्रेस की ओर से आवेदन लिए जा रहे हैं। बसपा छह दिसंबर को बाबा साहब का परिनिर्वाण दिवस मनाने के बाद चुनावी मोड में आएगी।
महापौर सीट अनारक्षित होने के बाद प्रत्याशियों के नाम की घोषणा चुनाव संचालन समिति की बैठक के बाद किया जाएगा। पार्टी के पास कई नाम आए हैं। अंतिम निर्णय संगठन का होगा। – जगदीश त्रिपाठी, निकाय चुनाव संयोजक भाजपा
अनारक्षित सीट होने पर अब महापौर प्रत्याशी के लिए भी आवेदन मांगे जा रहे हैं। इन आवेदनों पर विचार के बाद प्रत्याशी के नाम की घोषणा जल्द की जाएगी। पार्टी आलाकमान को सूची देंगे। – राघवेंद्र चौबे, महानगर अध्यक्ष कांग्रेस
चुनाव का बिगुल बज चुका है। हमारी पूरी तैयारी है। अब तक महापौर सीट के लिए 18 नाम आए हैं, जिन्हें निकाय चुनाव प्रभारी के पास भेजा गया है। प्रत्याशी की घोषणा हाईकमान से तय होगा। – विष्णु शर्मा, निवर्तमान महानगर अध्यक्ष सपा
पार्टी ने पूरी तैयारी की है। महापौर पद पर अच्छी लड़ाई लड़ेंगे। जल्द ही इसके लिए बैठक बुलाई गई है। इसके बाद प्रत्याशी के नाम की घोषणा की जाएगी। पार्टी से जुड़े कई दावेदारों के नाम आए हैं। – राजेश भारती, जिलाध्यक्ष बसपा
नगर निगम सदन में वार्ड वार पार्टियों की स्थिति भाजपा – 40 कांग्रेस – 21 सपा – 14 बसपा – 2 निर्दल – 13 कुल – 90
विस्तार
वाराणसी में महापौर सीट अनारक्षित घोषित होने के साथ ही सभी पार्टियों में हलचल तेज हो गई है। सभी ने चुनाव को लेकर तैयारी तेज कर दी है। जल्द ही सभी राजनीतिक दल अपने पत्ते खोलेंगे। फिलहाल पार्टियों में बैठकों के जरिए आवेदन लेने की प्रक्रिया चल रही है। इसी के साथ ही पैरवी लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हो रही है। अनारक्षित होने के चलते सभी जातियों के लिए इस बार खुला मैदान है। इस नाते उनके पैरोकार पैरवी में जुट गए हैं। कई दावेदार दिल्ली रवाना हो चुके हैं। भाजपा और सपा ने पहले ही दावेदारों के आवेदन लिए हैं, जबकि कांग्रेस की ओर से आवेदन लिए जा रहे हैं। बसपा छह दिसंबर को बाबा साहब का परिनिर्वाण दिवस मनाने के बाद चुनावी मोड में आएगी।