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भाजपा
– फोटो : Social Media
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उत्तर प्रदेश में हो रहे नगर निकाय चुनाव में रिश्तों की डोर भी आड़े आ रही है। ताजनगरी आगरा में ऐसा ही मामला सामने आया, जहां टिकट न मिलने से नाराज भाजपा नेता के बेटे ने निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने का एलान करते हुए नामांकन कर दिया। इस बात की खबर जब भाजपा नेता को हुई तो वे बेटे को मनाने पहुंच गए। काफी प्रयास के बाद भी जब बेटे ने नामांकन वापस लेने से इनकार कर दिया। तब पिता ने घर छोड़ने की धमकी दी। इसके बाद बेटे ने नामांकन वापस लिया।
यहां का है मामला
मामला वार्ड-37 आवास विकास कॉलोनी का है। भाजपा नेता ओमप्रकाश चलनीवाले के बेटे यशवंत काफी समय से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। भाजपा से टिकट लेने के लिए आवेदन भी किया था, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल सका। इससे आहत यशवंत ने निर्दलीय नामांकन कर दिया। जब इस बात की खबर पार्टी पदाधिकारियों को हुई तो वे हैरान रह गए।
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धमकी के बाद नामांकन लिया वापस
इस मामले में पार्टी पदाधिकारी भाजपा नेता ओमप्रकाश चलनीवाले से मिलने बृहस्पतिवार को पहुंचे। नाम वापस लेने के लिए पिता से कहा, तो पिता ने बेटे को बहुत समझाया। बेटा पहले नाम वापस लेने को तैयार नहीं हुआ। फिर पिता ने बेटे से कहा अगर तुमने नाम वापस नहीं लिया तो मैं घर को छोड़ दूंगा, जिसके बाद बेटा मान गया। इसके बाद भाजपा नेता जितेंद्र भारद्वाज आदि के साथ नगर निगम जाकर नामांकन पत्र वापस लिया।
टिकट न मिलने पर कई भाजपाई बागी, अनुशासन तार-तार
अनुशासित पार्टी होने का दावा करने वाली भाजपा में टिकट बंटबारे के बाद अनुशासन तार-तार हो गया। टिकट कटने के विरोध में वार्ड 25 से युवा मोर्चा पदाधिकारी की मां ने भाजपा प्रत्याशी के सामने निर्दलीय पर्चा भरा है। वहीं, बाग फरजाना में दूसरे क्षेत्र में रहने वाले शरद चौहान को टिकट मिलने के बाद निवर्तमान पार्षद संजय राय निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। दयालबाग में भाजपा मंडल अध्यक्ष रहे भरत शर्मा, रामबाग में पदाधिकारी सहित एक दर्जन से अधिक भाजपा कार्यकर्ता टिकट वितरण में मनमानी के आरोप लगाते हुए बागी हो गए हैं। भाजपा प्रत्याशियों के सामने चुनौती न बनें इसके लिए बृहस्पतिवार को दिनभर भाजपा नेता रूठे हुए लोगों को मनाने में जुटे रहे। कहीं कामयाबी मिली, तो कहीं सफलता हाथ नहीं लगी।
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