आईएमए कांफ्रेंस का शुभारंभ करते पुलिस कमिश्रर रमित शर्मा। – फोटो : अमर उजाला।
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प्रयागराज पहली बार आईएमए के 97वें राष्ट्रीय वार्षिक सम्मेलन आईएमए नाटकॉन-2022 का साक्षी बना। अलग-अलग सत्रों में देश भर से जुटे विशेषज्ञों ने कफ से लेकर कैंसर तक तमाम बीमारियों के इलाज के बारे में नई-नई जानकारियां दीं। साथ ही बेहतर खानपान और दिनचर्या से स्वस्थ जीवन के गुर भी बताए। आरंभ में पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने कांफ्रेंस का उद्घाटन किया।
गर्भावस्था में मधुमेह पर डॉ.सिद्धार्थ मदनानी ने सलाह दी, उनमें मधुमेह के लिए स्क्रीन किया जाना चाहिए। इंसुलिन के साथ ही खान-पान की डाइट सुनिश्चित करना जरूरी है। डॉ.उर्वशी सिंह ने उनमें उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए नमक के सेवन को सीमित करने की सलाह दी। कहा, डॉक्टर की ओर से लिखी दवाओं को समय पर लेना भी बेहद जरूरी है।
वाराणसी की कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ.अंकिता पटेल बोलीं, यदि समय पर कैंसर की पहचान हो जाए, तो रेडिएशन थेरेपी से कैंसर को आगे बढ़ने से रोका जा सकता है। इसके बेहतर परिणाम रहते हैं। वहीं डॉ.सोनिया तिवारी ने तंबाकू व अन्य नशीले पदार्थों से दूर रहने की सलाह दी। बोलीं, स्वस्थ जीवन शैली तथा उचित खानपान से कैंसर से काफी हद तक बचा जा सकता है।
डॉ.मंगल सिंह ने कहा, शिशुओं में खांसी की समस्या का प्रमुख कारण वायरल कफ है। इसके अलावा एलर्जिक कफ भी मौसम के परिवर्तन के साथ शिशुओं को परेशान करता है। मधुमेह की जांच के नए तरीकों के बारे में डॉ.सुुबोध जैन ने कॉटिन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम के बारे में जानकारी दी। कहा, 24 घंटे में अधिक्तर समय शुगर नियंत्रण में होना चाहिए, इससे मरीज के किसी भी अंग में जटिलता होने की संभावना न के बराबर हो जाएगी।
डॉ.अर्चना ओझा ने पेरीफेरल न्यूरोपैथी को नसों की समस्या बताई। बोलीं, इसमें मरीज को झनझनाहट की शिकायत होती है। इसका मुख्य कारण मधुमेह तथा विटामिनों की कमी है। खान-पान के साथ पौष्टिक आहार तथा विटामिनयुक्त दवाओं के सेवन से इसके लक्षणों में सुधार आता है। राष्ट्रूीय सम्मेलन में आईएमए के अनेक पदाधिकारियों सहित तकरीबन 3000 चिकित्सक शामिल हुए।
कफ और एलर्जी पर पुस्तिका का लोकार्पण इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय वार्षिक सम्मेलन में कफ और एलर्जी पर तैयार दो पुस्तिकाओं का लोकार्पण किया गया। पटना से आए आईएमए अध्यक्ष डॉ.सहजानंद प्रसाद सिंह और उनकी टीम तथा आईएमए जनरल सेकेट्री डॉ.जेयश लेले की ओर से पुस्तिका तैयार कराई गई। एलर्जी डिसऑडर पर तैयार पुस्तिका में कंसल्टिंग फिजिशियन डॉ.केतन मेहता, डॉ.सतीश राय, जनरल प्रैक्टिसनर डॉ.जेयश लेले, चेस्ट फिजिशियन डॉ.अगम मदन, अलरगोलॉजिस्ट डॉ.गौतम मोदी, डॉ.मीना वानखेड़े, डॉ.पारुल वाडगामा, डॉ.प्रद्युत वघारे, डॉ.आरवी अशोकन, ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. सुशील मकारिया शामिल रहे। वहीं कफ मैनेजमेंट पर तैयार पुस्तिका की टीम में डॉ. अगम वोरा, डॉ.अजय डायफोडे, डॉ.आनंद मीनावत, डॉ.जेयश लेले, डॉ.केतन मेहता, डॉ.मीना वानखेड़े, डॉ. राजीव रंजन, डॉ. आरवी अशोकन, डॉ. संजीव मनिअर, डॉ. एस आदर्श और डॉ. एसवी कुलकर्णी शामिल रहे। शाम को मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए।
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प्रयागराज पहली बार आईएमए के 97वें राष्ट्रीय वार्षिक सम्मेलन आईएमए नाटकॉन-2022 का साक्षी बना। अलग-अलग सत्रों में देश भर से जुटे विशेषज्ञों ने कफ से लेकर कैंसर तक तमाम बीमारियों के इलाज के बारे में नई-नई जानकारियां दीं। साथ ही बेहतर खानपान और दिनचर्या से स्वस्थ जीवन के गुर भी बताए। आरंभ में पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने कांफ्रेंस का उद्घाटन किया।
गर्भावस्था में मधुमेह पर डॉ.सिद्धार्थ मदनानी ने सलाह दी, उनमें मधुमेह के लिए स्क्रीन किया जाना चाहिए। इंसुलिन के साथ ही खान-पान की डाइट सुनिश्चित करना जरूरी है। डॉ.उर्वशी सिंह ने उनमें उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए नमक के सेवन को सीमित करने की सलाह दी। कहा, डॉक्टर की ओर से लिखी दवाओं को समय पर लेना भी बेहद जरूरी है।
वाराणसी की कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ.अंकिता पटेल बोलीं, यदि समय पर कैंसर की पहचान हो जाए, तो रेडिएशन थेरेपी से कैंसर को आगे बढ़ने से रोका जा सकता है। इसके बेहतर परिणाम रहते हैं। वहीं डॉ.सोनिया तिवारी ने तंबाकू व अन्य नशीले पदार्थों से दूर रहने की सलाह दी। बोलीं, स्वस्थ जीवन शैली तथा उचित खानपान से कैंसर से काफी हद तक बचा जा सकता है।