कानपुर के घाटों पर एक बार फिर मगरमच्छ की चहलकदमी देखने को मिल रही है। ऐसे में शुक्लागंज के घाटों पर भी मगरमच्छ आने का खतरा बना हुआ है। जिससे गंगा की रेती में खेती करने वाले किसानों में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं नित्य गंगा स्नान करने वाले भी सतर्क हो गये हैं।
वर्ष 2022 में सितंबर माह में बाढ़ आने के बाद मगरमच्छों का झुंड गंगा में दिखाई पड़ा था। जिसे देखते हुये तत्कालीन एसडीएम ने गंगाघाट स्थित मिश्रा कॉलोनी से लेकर नमामि गंगे घाट तक मगरमच्छ से बचाव को लेकर चेतावनी बोर्ड लगाये थे। इसके साथ ही गंगा में आने जाने के लिये लोगों को मना किया गया था। एक बार फिर कानपुर के घाटों में मगरमच्छ की चहलकदमी देखने को मिल रही है।
जिसके वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं। मगरमच्छ की चहलकदमी की सूचना पर गंगा की रेती में खेती करने वालों में भय व्याप्त हो गया है। खेती करने वाले लोगों ने बताया कि वह चौबीस घंटे रेती में रूक कर फसलें तैयार कर रहे हैं। यहां पर उनके परिवार के लोग और छोटे बच्चे भी आया-जाया करते हैं। ऐसे में उन लोगों के लिये खतरा अधिक बढत्र गया है। जिसे देखते हुये गंगा के आस पास आने जाने वाले लोग सतर्क हो गये हैं।