Paper Leak Case: कुलसचिव को परीक्षा नियंत्रक का प्रभार, पेपर आउट होने के बाद विश्वविद्यालय ने लिए सख्त निर्णय

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सार

विश्वविद्यालय के कुलसचिव संजीव कुमार सिंह को परीक्षा नियंत्रक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। अब सभी परीक्षाएं कुलसचिव की निगरानी में संपन्न होंगी।

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आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की मुख्य परीक्षाओं के पेपर आउट होने के बाद अजय कृष्ण यादव को परीक्षा नियंत्रक पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह अग्रिम आदेशों तक कुलसचिव संजीव कुमार सिंह को परीक्षा नियंत्रक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। अब सभी परीक्षाएं कुलसचिव की निगरानी में संपन्न होंगी। रविवार को अतिथि गृह में प्रभारी कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में परीक्षा के संबंध में बैठक हुई। इसमें कई निर्णय लिए गए। 

नोडल केंद्रों पर एक-एक पर्यवेक्षक नियुक्त

बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि सभी नोडल केंद्रों पर विश्वविद्यालय द्वारा एक-एक पर्यवेक्षक नियुक्त किया जाएगा। यह पर्यवेक्षक अनुदानित महाविद्यालयों के वरिष्ठ शिक्षक होंगे और सुबह 5:00 बजे से लेकर दोपहर 3:00 बजे तक नोडल केंद्रों पर उपलब्ध रहेंगे। सभी पर्यवेक्षकों द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नोडल केंद्रों से निकलने वाले प्रश्नपत्रों के सभी पैकेट सीलबंद रूप में परीक्षा केंद्रों पर भेजे जाएं। किसी भी परीक्षा केंद्र पर प्रश्नपत्र 30 मिनट से पहले नहीं पहुंचे। 

यह टीम करेगी निगरानी 

विश्वविद्यालय की ओर से चार वरिष्ठ आचार्यों ( प्रोफेसर उमेश चंद्र शर्मा , प्रोफेसर प्रदीप श्रीधर , प्रोफेसर बिंदुशेखर शर्मा , प्रोफेसर भूपेंद्र स्वरूप शर्मा ) की एक-एक टीम बनाई जाएगी , जिसमें उनके साथ एक-एक सहायक कुलसचिव और अन्य शिक्षक होंगे। यह टीम सभी जिलों में लगातार निगरानी करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि किसी भी परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्र 30 मिनट से पहले ना पहुंचे । इसके साथ यह भी सुनिश्चित करेगी कि सभी परीक्षा केंद्र विश्वविद्यालय के नियंत्रण कक्ष से सीसीटीवी से जुड़े हुए हैं अथवा नहीं।

प्रोफेसर वीके सारस्वत और प्रोफेसर मनु प्रताप सिंह भी लगातार नियंत्रण कक्षों से नोडल केंद्रों पर खुलने वाले प्रश्नपत्रों की निगरानी करेंगे। सभी नोडल केंद्रों पर अत्याधुनिक तकनीक से युक्त ( रेडियो फ्रिकवेंसी आईडेंटिफिकेशन डिवाइस ) लॉक लगाए जाएंगे। आरएफआईडी की डिजिटल तकनीक में नोडल केंद्र के स्ट्रांग रूम में और बाहर दो दो वीडियो कैमरे लगाए जाते हैं ।

स्ट्रांग रूम से बाहर लगने वाले इस लॉक पर एक इलेक्ट्रॉनिक चिप लगी होगी , जिसका कंट्रोल रूम विश्वविद्यालय में होगा। जब विश्वविद्यालय से कमांड दिया जाएगा तभी स्ट्रांग रूम का ताला खुलेगा। इस डिजिटल लॉक की सुविधा होने से विश्वविद्यालय का सभी नोडल केंद्रों पर नियंत्रण सुनिश्चित हो जाएगा । 

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विश्वविद्यालय द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि सभी नोडल केंद्रों से भेजी जाने वाली टैक्सियों में जीपीएस की सुविधा उपलब्ध रहे, जिसकी निगरानी विश्वविद्यालय के दोनों नियंत्रण कक्षों द्वारा की जाएगी। यह भी निर्णय लिया गया कि आगामी परीक्षाओं में केवल नोडल केंद्र अध्यक्षों के पास ही मोबाइल की सुविधा उपलब्ध होगी , इसके अतिरिक्त नोडल केंद्र पर किसी भी अन्य शिक्षक अथवा कर्मचारी के पास मोबाइल प्रतिबंधित रहेगा ।

विस्तार

आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की मुख्य परीक्षाओं के पेपर आउट होने के बाद अजय कृष्ण यादव को परीक्षा नियंत्रक पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह अग्रिम आदेशों तक कुलसचिव संजीव कुमार सिंह को परीक्षा नियंत्रक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। अब सभी परीक्षाएं कुलसचिव की निगरानी में संपन्न होंगी। रविवार को अतिथि गृह में प्रभारी कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में परीक्षा के संबंध में बैठक हुई। इसमें कई निर्णय लिए गए। 

नोडल केंद्रों पर एक-एक पर्यवेक्षक नियुक्त

बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि सभी नोडल केंद्रों पर विश्वविद्यालय द्वारा एक-एक पर्यवेक्षक नियुक्त किया जाएगा। यह पर्यवेक्षक अनुदानित महाविद्यालयों के वरिष्ठ शिक्षक होंगे और सुबह 5:00 बजे से लेकर दोपहर 3:00 बजे तक नोडल केंद्रों पर उपलब्ध रहेंगे। सभी पर्यवेक्षकों द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नोडल केंद्रों से निकलने वाले प्रश्नपत्रों के सभी पैकेट सीलबंद रूप में परीक्षा केंद्रों पर भेजे जाएं। किसी भी परीक्षा केंद्र पर प्रश्नपत्र 30 मिनट से पहले नहीं पहुंचे। 

यह टीम करेगी निगरानी 

विश्वविद्यालय की ओर से चार वरिष्ठ आचार्यों ( प्रोफेसर उमेश चंद्र शर्मा , प्रोफेसर प्रदीप श्रीधर , प्रोफेसर बिंदुशेखर शर्मा , प्रोफेसर भूपेंद्र स्वरूप शर्मा ) की एक-एक टीम बनाई जाएगी , जिसमें उनके साथ एक-एक सहायक कुलसचिव और अन्य शिक्षक होंगे। यह टीम सभी जिलों में लगातार निगरानी करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि किसी भी परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्र 30 मिनट से पहले ना पहुंचे । इसके साथ यह भी सुनिश्चित करेगी कि सभी परीक्षा केंद्र विश्वविद्यालय के नियंत्रण कक्ष से सीसीटीवी से जुड़े हुए हैं अथवा नहीं।

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