शुरू हुई संसद की कार्यवाही, आज राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह पेश करेंगे दिल्ली सेवा बिल

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दिल्ली। राज्यसभा में आज दिल्ली सेवा बिल पेश किया जाएगा। गृहमंत्री अमित शाह आज बिल पेश करेंगे। यह बिल पहले ही लोकसभा से पारित हो चुका है। इसे लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने व्हिप जारी किया है। बता दें कि दिल्ली सेवा बिल को लेकर आम आदमी पार्टी ने विपक्षी पार्टियों से समर्थन मांगा है। लोकसभा में ये बिल तो आसानी से पास हो चुका है लेकिन राज्यसभा में इसके पास होने में अड़चनें आ सकती हैं।

दिल्ली सेवा बिल पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक का कहना है, यह बिल अरविंद केजरीवाल को राजनीति में आगे बढ़ने से रोकने के लिए लाया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी और अन्य पार्टियां हमारा समर्थन कर रही हैं। वे (केंद्र सरकार) अपनी राजनीतिक चमक के लिए यह बिल ला रहे हैं। हम जनता के बीच जाएंगे और बीजेपी को बेनकाब करेंगे।

दिल्ली सेवा विधेयक पर आप सांसद सुशील गुप्ता का कहना है कि यह एक प्रायोगिक विधेयक है जिसे भाजपा दिल्ली से शुरू कर रही है। जहां भी गैर-भाजपा सरकारें हैं, वे इस विधेयक को पेश करेंगे और राज्य सरकार को कमजोर करेंगे। जो पार्टियां लोकतंत्र में विश्वास करती हैं वे इसका विरोध करेंगी।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने चीन के साथ सीमा स्थिति पर चर्चा की मांग करते हुए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया। कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने सरकार द्वारा जांच एजेंसियों के दुरुपयोग पर चर्चा करने और सरकार को इस तरह के रवैये को तुरंत रोकने का निर्देश देने के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया।

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राजद सांसद मनोज कुमार झा ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए राज्यसभा में कामकाज स्थगित करने का नोटिस दिया। आप के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक पर विचार करने और पारित करने का विरोध करने के लिए राज्यों की परिषद में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों के नियम 66 और नियम 67 के तहत नोटिस दिया है।

लोकसभा में बहुमत मिलने से केंद्र सरकार ने दिल्ली सर्विस बिल आसानी से पास करा लिया लेकिन राज्यसभा में इसे पास कराने में मुश्किल हो सकती है। आम आदमी पार्टी इस बिल का जोरदार विरोध कर रही है और उसने विपक्षी इंडिया गठबंधन के सदस्यों को भी बिल का विरोध करने पर मना लिया है। ऐसे में राज्यसभा में इस समय 238 सांसद हैं। बिल को पास कराने के लिए सरकार को राज्यसभा में 119 सदस्यों की जरूरत होगी।

वर्तमान में राज्यसभा में बीजेपी के पास 92 सांसद हैं। एनडीए के सहयोगी दलों को मिलाकर यह संख्या 103 हो जाती है और पांच मनोनीत सांसद भी हैं। मनोनीत सांसद केंद्र सरकार के समर्थन में ही होते हैं, वहीं, विपक्ष के इंडिया गठबंधन के दलों के सांसदों की संख्या 109 है।

 

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