बाढ़ में बह गया कालका-शिमला रेलवे ट्रैक का एक हिस्सा, आवागमन हुआ बन्द

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हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा लोगों के लिए आफत बनी हुई है। भारी बारिश की वजह से राज्य के कई जिलों में बाढ़ और लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आ रही हैं। अब तक इस आपदा में करीब 60 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारी बारिश के कारण राज्य का एक अहम रेलवे ट्रैक ही बह गया।

जानकारी के मुताबिक, भारी बारिश के कारण राज्य के जुतोग और समर हिल रेलवे स्टेशन के बीच कालका-शिमला रेलवे ट्रैक का एक हिस्सा पूरी तरह बह गया है। राज्य सरकार ने बताया कि ट्रैक बह जाने के कारण कंडाघाट-शिमला के बीच ट्रेनों की आवाजाही को रद्द कर दिया गया है।

हिमाचल के कालका-शिमला रेलवे ट्रैक को यूनेस्को हेरिटेज रेलवे लाइन कहा जाता है। इसी रूट में कालका-शिमला स्पेशल ट्रेन (टॉय ट्रेन) भी चलती है। इस रेल लाइन को आज भी उसी तरह से सहेज कर रखा गया है जैसे ये अपने निर्माण के समय थी। 8 जुलाई, 2008 को कालका-शिमला रेल लाइन को यूनेस्को विश्व धरोहर का दर्जा प्रदान किया था।

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हिमाचल के शिमला समेत कई जिलों में भारी बारिश और लैंडस्लाइड की घटना हो रही है। अब तक आपदा में करीब 60 लोगों की मौत की खबर है। वहीं, कई लोगों के अब भी मलबे में दबे होने की आशंका है। एनडीआरएफ, सेना और अन्य बचावकर्मी लगातार लोगों को रेस्क्यू करने में जुटे हुए हैं। शिमला, सोलन और मंडी समेत 6 जिलों में अगले 24 घंटे में भारी बारिश होने की भी संभावना जताई गई है। राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों को 19 अगस्त तक के लिए बंद कर दिया गया है।

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