हाथरस सत्संग हादसे में सेवादारों पर गंभीर आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में दाखिल की याचिका

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हाथरस में हुई भगदड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। वहीं इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। भोले बाबा सत्संग में मची भगदड़ में मरने वालों की संख्या 121 तक पहुंच गई है। कुछ ही देर में सीएम योगी आदित्यनाथ यहां पहुंच रहे हैं। सिकंदराराऊ इलाके में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ के मामले में पुलिस ने ‘मुख्य सेवादार’ और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा), 238 (साक्ष्यों को मिटाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि इस घटना की जांच 5 सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी से सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में कराइ जाए। साथ ही इस हादसे को लेकर यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट की मांग की गई है। यानी अब तक किए गए उपायों और भविष्य में बरते जाने वाले एहतियातों की जानकारी देने की बात कही गई है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाई कोर्ट में हादसे की न्यायिक जांच कराने की याचिका दाखिल की गई है।

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सेवादारों पर गंभीर आरोप, बाबा का नाम एफआईआर में नहीं
मिली जानकारी के अनुसार सत्संग हादसे को लेकर जो एफआईआर दर्ज की गई है उसमें भोले बाबा (सूरजपाल सिंह) का नाम नहीं है। जबकि सेवादारों पर भक्तों को रोकने, भगदड़ के बाद मरने वालों के जूते-चप्पल और अन्य सामान खेतों में कड़ी फसल में फेंकने और सबूत मिटने के आरोप लगाए गए हैं। एफआईआर में कहा गया है कि सत्संग के लिए 80 हजार लोगों के आने को लेकर इजाजत ली गई थी। लेकिन सत्संग में करीब ढाई लाख लोग पहुंचे। बाबा की गाड़ी को आगे निकालने के लिए सेवादारों ने भीड़ को खेतों से निकलने से रोक दिया जिसके बाद भगदड़ मची।

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