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भीटी तहसील क्षेत्र के दो ग्राम पंचायतों में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोले जाने की तैयारी है। एमएलसी व पूर्व सांसद हरिओम पाण्डेय की पहल पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य को प्राथमिकता के आधार पर प्रक्रिया सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। दोनों स्थानों पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खुलने से भीटी तहसील में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर ढंग से स्थानीय नागरिकों तक पहुंच सकेगी। उन्हें इधर उधर की भागदौड़ से भी छुटकारा मिल सकेगा।
भीटी तहसील क्षेत्र विकास के कई मामलों में अभी काफी पीछे है। न तो बेहतर ढंग से परिवहन सुविधाएं हैं, और न ही स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा तक की बेहतर सुविधा मिल पा रही है। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पूरे भीटी तहसील में सिर्फ एक सीएचसी ही स्थापित है।
तहसील मुख्यालय पर स्थापित इस सीएचसी से ही तहसील क्षेत्र के लोगों की उम्मीद जुड़ी हुई है। नतीजा यह है कि अक्सर मरीजों व तीमारदारों को जिला अस्पताल तक की दौड़ लगाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। तहसील क्षेत्र के मरीजों व आम नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दिलाने के लिए पूर्व सांसद व एमएलसी डॉ. हरिओम पाण्डेय ने प्रभावी पहल की है।
उन्होंने एक दिन पहले प्रदेश के डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक से लखनऊ में उनके आवास पर मुलाकात की। उन्हें भीटी तहसील में स्वास्थ्य सुविधाओं की मौजूदा स्थिति से अवगत कराया। कहा कि इससे मरीजों को काफी दिक्कतें तो रही हैं। एमएलसी ने डिप्टी सीएम से भीटी विकास खंड के ग्राम पंचायत दरबपुर व पूरेदरबार में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना कराए जाने पर जोर दिया। डिप्टी सीएम ने प्रकरण को गंभीरता से लिया। उन्होंने प्रदेश के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य को निर्देशित किया कि स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित करने की प्रक्रिया प्राथमिकता के साथ शुरु करायी जाए।
इस तरह मिलेगा लाभ
पूरे दरबार गांव सुल्तानपुर जिले की सीमा के निकट स्थित है। वहां पीएचसी की स्थापना से आस पास के तीन दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा। इसी तरह दरबपुर गांव भीटी मिझौड़ा मार्ग पर नरायनपुर घाट के निकट स्थित है। कटेहरी ब्लॉक की सीमा के निकट स्थित गांव में पीएचसी की स्थापना से यहां भी आस पास के ग्रामीणों को इलाज के लिए दूर नहीं जाना होगा।
ट्रॉमा सेंटर स्थापित करने पर जोर
एमएलसी ने डिप्टी सीएम से राजकीय मेडिकल कॉलेज सद्दरपुर में ट्रॉमा सेंटर की स्थापना शीघ्र कराने पर जोर दिया। कहा कि ट्रॉमा सेंटर स्थापित करने का निर्णय हो चुका है, लेकिन इसमें जरूरी प्रगति नहीं हो पा रही है। जिला अस्पताल में भी अभी तक ट्र्रामा सेंटर बनकर तैयार नहीं हो पाया है। इससे मरीजों को जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज से ट्र्रामा सेंटर लखनऊ रेफर होना पड़ता है। डिप्टी सीएम से जिले में चिकित्सकों के तमाम पद खाली पड़े रहने की भी विस्तार से चर्चा की गई। मांग किया गया कि जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, सभी सीएचसी, पीएचसी में रिक्त पड़े चिकित्सकों के पद पर अविलंब तैनाती सुनिश्चित करायी जाए।
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