उत्तर प्रदेश के बिजनौर में रविवार को दिल्ली के मुंडका जैसा हादसा होने से टल गया। यहां दिल्ली की ही तरह आग ने कपड़ों के शोरूम में तकरीबन दस घंटे तक तांडव मचाया। शोरूम के भीतर फंसे तकरीबन दर्जन भर लोग जिंदगी और मौत के धुएं के बीच फंसे थे। वहीं बाहर लोगों की भीड़ लोगों के सुरक्षित बाहर निकलने की दुआ कर रही थी। हालांकि समय रहते सभी को सकुशल बाहर निकाल लिया गया। वहीं तक कि आग लगने के तीन घंटे बाद दमकलकर्मी शोरूम के अंदर प्रवेश कर पाए। दस घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
सिर्फ एक मिनट में दो बार बिजली की ट्रिपिंग हुई। तीस-तीस सेकेंड तक बिजली गुल रही। शोरूम की बिजली इनवर्टर मोड पर नहीं आ सकी और दोनों ही बार अंधेरा छाया रहा। दो ट्रिपिंग के बाद बिजली लौटी तो ट्रायल रूम की तरफ फाल्ट हुआ। जिस पर आग लग गई। एक कर्मचारी ने चिल्लाने की आवाज में अनाउंसमेंट किया और बोली, मैनेजर सर तुरंत लेडीज ट्रायल रुम के पास आओ। यह वाकया खरीदारी करने के लिए आए प्रणव कुमार शर्मा ने सुनाया।
नई बस्ती के रहने वाले प्रणव कुमार शर्मा, पत्नी गरिमा शर्मा और बेटी अहाना तथा असानी के साथ 11 बजे कपड़े खरीदने के लिए ट्रेंडस के शोरूम में पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि बच्चों के कपड़े पसंद कर लिए थे, उनकी पत्नी कुर्ती पसंद कर रही थी। तभी अनाउंसमेंट हुआ तेज आवाज में।
धुआं उठते ही उन्होंने अपनी दोनो बेटियों को तलाशा और बाहर निकल गए। बताया कि शोरूम के कर्मचारियों ने बहुत सहयोग किया। जो लोग कपड़ा ले चुके थे, उनसे पैसे भी नहीं लिए। बताया कि दो महिलाएं इसके बाद भी कपड़े पसंद करने में लगी हुई थी, जिन्हें धक्के देकर बाहर निकाला गया था।
बताया गया कि बाहर लाए गए ग्राहकों को आग लगने का विश्वास ही नहीं हो रहा था। जब तक सभी कस्टमर को बाहर निकाला गया तब तक शोरूम में धुआं ही धुआं हो गया था। सभी की सांसें उस वक्त अटक गईं जब 10 से 12 लोगों का स्टाफ शोरूम के मुख्य गेट से बाहर ही नहीं निकल पा रहा था।
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नीचे की ओर धुआं अधिक होने की वजह से स्टाफ दौड़कर पहली मंजिल पर पहुंचा और इमरजेंसी एग्जिट गेट से स्टाफ को बाहर निकला। अभी तक आग को बुझाने का प्रयास किया गया। दमकल कर्मी भी धुआं होने की वजह से शोरूम के अंदर नहीं जा पा रहे थे।