आईएसबीटी पर सबसे ज्यादा प्रदूषित हवा – फोटो : अमर उजाला
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आगरा में सुबह धुंध के छाए रहने और दोपहर में हल्की धूप के बीच शहर में प्रदूषण बढ़ गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में पूरे शहर का एक्यूआई 160 दर्ज किया गया, लेकिन शहर के अलग-अलग हिस्सों में हालात बेहद खराब रहे।
आईएसबीटी, ट्रांसपोर्ट नगर, सिकंदरा चौराहा, शाहगंज, शहीद नगर समेत शहर में वाहनों का दबाव और जाम वाले क्षेत्रों में एयर क्वालिटी इंडेक्स बेहद खराब रहा। इसमें पर्टिकुलेट मैटर 2.5 माइक्रोग्राम और कार्बन मोनोक्साइड की मात्रा सबसे ज्यादा रही। इन प्रदूषित जगहों पर सांस लेना मुहाल हो गया। अति सूक्ष्म धूल कण और जहरीली गैसों के कारण शहर के व्यस्त चौराहों पर लोग परेशान रहे।
सुल्तानगंज पुलिया पर जलाया प्लास्टिक कचरा
सुल्तानगंज पुलिया चौराहे के पास शनिवार सुबह 10 बजे से प्लास्टिक कचरा जलाया गया, जिससे काले धुएं के गुबार कमला नगर, मुगल रोड, सुल्तानगंज चौराहे और गांधी नगर के पास बने रहे। प्लास्टिक कचरे के जलाए जाने के कारण इसकी दुर्गंध लोगों को परेशान करती रही।
वहीं, जहरीला धुआं लोगों की सांस में पहुंचता रहा। दोपहर 3 बजे तक प्लास्टिक कचरे का जखीरा यहां खुले मैदान में जलाया गया। क्षेत्रीय निवासी अखिल भटनागर ने बताया कि दोपहर में छत पर दो मिनट के लिए बैठना मुश्किल हो गया। चार घंटे तक दुर्गंध और काला धुआं बना रहा।
आगरा में सुबह धुंध के छाए रहने और दोपहर में हल्की धूप के बीच शहर में प्रदूषण बढ़ गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में पूरे शहर का एक्यूआई 160 दर्ज किया गया, लेकिन शहर के अलग-अलग हिस्सों में हालात बेहद खराब रहे।
आईएसबीटी, ट्रांसपोर्ट नगर, सिकंदरा चौराहा, शाहगंज, शहीद नगर समेत शहर में वाहनों का दबाव और जाम वाले क्षेत्रों में एयर क्वालिटी इंडेक्स बेहद खराब रहा। इसमें पर्टिकुलेट मैटर 2.5 माइक्रोग्राम और कार्बन मोनोक्साइड की मात्रा सबसे ज्यादा रही। इन प्रदूषित जगहों पर सांस लेना मुहाल हो गया। अति सूक्ष्म धूल कण और जहरीली गैसों के कारण शहर के व्यस्त चौराहों पर लोग परेशान रहे।
सुल्तानगंज पुलिया पर जलाया प्लास्टिक कचरा
सुल्तानगंज पुलिया चौराहे के पास शनिवार सुबह 10 बजे से प्लास्टिक कचरा जलाया गया, जिससे काले धुएं के गुबार कमला नगर, मुगल रोड, सुल्तानगंज चौराहे और गांधी नगर के पास बने रहे। प्लास्टिक कचरे के जलाए जाने के कारण इसकी दुर्गंध लोगों को परेशान करती रही।