लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मुहर्रम के दरम्यान ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई चर्चा में बने हैं। शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास के आवास पर खामेनेई का एक पोस्टर लगा है। पोस्टर में शिया समुदाय के दूसरे धार्मिक रहनुमाओं की तस्वीरें शामिल हैं। लखनऊ में खामेनेई के पोस्टर को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि मौलाना यासूब अब्बास ने खामेनेई को अपना धर्मगुरु बताकर इन अटकलों पर विराम लगाने का प्रयास किया है।
धर्मगुरु यासूब अब्बास के मुताबिक, लखनऊ में इस तरह के पोस्टर हर साल लगाए जाते रहे हैं। हैदरी टास्क फोर्स ने इस बार भी पोस्टर लगा दिए। उन्होंने कहा कि शहर के दूसरे स्थानों पर भी ऐसे पोस्टर लगाए गए हैं। इसमें किसी तरह की कोई राजनीतिक मंशा नहीं है।
सनद रहे कि पिछले दिनों इजरायल और ईरान के बीच जंग छिड़ गई थी। 12 दिनों तक दोनों देश एक-दूसरे पर बमबारी करते रहे। हमलों की शुरुआत इजराइल ने की थी, जब उसने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर दिया था। इजराइल के इस कदम के खिलाफ ईरान को दुनिया के तमाम हिस्सों से समर्थन मिला था। लखनऊ में भी ईरान के समर्थन और इजराइल के विरोध में भी प्रदर्शन हुए थे।
हालांकि शिया धर्मगुरु यासूब अब्बास, ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई के यहां पोस्टर लगाने को एक परंपरा के तौर पर जाहिर करते हैं। उन्होंने कहा कि लखनऊ में हर साल पोस्टर लगते रहे हैं। हालांकि इस बार युद्ध के कारण सोशल मीडिया पर ये पोस्टर वायरल हो रहे और लोग इसे इजराइल-ईरान युद्ध को लेकर ईरान के समर्थन के तौर पर देख रहे हैं। हलचल के बीच खुफिया विभाग एक्टिव हो गया है।