प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (पीईटी) में उन्नाव समेत चार शहरों में धांधली करने वाला गिरोह प्रयागराज से संचालित हो रहा था। इसका सरगना सोरांव का शिवम शर्मा उर्फ शिवम दुबे है। अभ्यर्थियों को पास कराने का ठेका वह ही लेता था और फिर सॉल्वर का भी इंतजाम करता था। एसटीएफ लखनऊ के साथ-साथ उन्नाव की टीम उसकी तलाश में जुटी है। शिवम सोरांव के उदयचंदपुर का रहने वाला है। उसके पिता का नाम प्रेमसागर शर्मा उर्फ ट्ड्डिू है। उसके नाम का खुलासा उन्नाव में पकड़े गए सॉल्वर सत्यम कुमार पांडेय निवासी बेतिया, बिहार ने पूछताछ में किया।
बताया कि शिवम ने ही उसे 30 हजार रुपये एडवांस देकर अड़हलगंज, थरवई निवासी पुष्पेंद्र यादव की जगह परीक्षा में बैठने को भेजा था। यही नहीं, उसे उन्नाव में ही शाम की पाली में प्रयागराज के सौरभ व अगले दिन होने वाली परीक्षा में लखनऊ में धर्मेंद्र कुमार की जगह पीईटी में बतौर सॉल्वर बैठना था।
परीक्षा में अभ्यर्थियों को पास कराने का ठेका लेने के साथ ही, एडवांस लेने व सॉल्वर की व्यवस्था करने तक का काम शिवम ही करता था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि अब तक कि जांच में साफ है कि शिवम ही इस गिरोह का संचालन कर रहा था। डिप्टी एसपी एसटीएफ नवेंदु सिंह का कहना है कि सॉल्वर गिरोह के सदस्यों व सरगना की तलाश की जा रही है।
10 अभ्यर्थियों को पास कराने का लिया था ठेका
पूछताछ में सॉल्वर ने कई अन्य अहम खुलासे किए हैं। बताया कि उसने शिवम ने लखनऊ, उन्नाव, अमेठी व प्रयागराज में करीब 10 अभ्यर्थियों को पास कराने का ठेका लिया था। प्रत्येक अभ्यर्थी से 80 हजार की डील हुई थी और 30 हजार एडवांस भी लिए गए थे। शिवम अपने परिचित पटना, बिहार निवासी देवराज के जरिए सॉल्वर की व्यवस्था करता था। यह भी बताया कि शिवम ने बतौर एडवांस उसके खाते में तीन लाख रुपये जमा कराए थे।
उन्नाव में हुई थी तीनों गिरफ्तारियां पीईटी के दौरान 15 अक्तूबर को उन्नाव में सॉल्वर समेत तीन लोग गिरफ्तार किए गए थे। इनमें मूल अभ्यर्थी पुष्पेंद्र यादव निवासी थरवई और उसके साथी अंकित मौर्य निवासी थरवई थाना क्षेत्र के अड़हनपुर गांव के रहने वाले हैं। इसके अलावा सॉल्वर सत्यम पांडेय भी गिरफ्तार किया गया था। सत्यम से पूछताछ में ही शिवम के नाम का खुलासा हुआ।
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प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (पीईटी) में उन्नाव समेत चार शहरों में धांधली करने वाला गिरोह प्रयागराज से संचालित हो रहा था। इसका सरगना सोरांव का शिवम शर्मा उर्फ शिवम दुबे है। अभ्यर्थियों को पास कराने का ठेका वह ही लेता था और फिर सॉल्वर का भी इंतजाम करता था। एसटीएफ लखनऊ के साथ-साथ उन्नाव की टीम उसकी तलाश में जुटी है। शिवम सोरांव के उदयचंदपुर का रहने वाला है। उसके पिता का नाम प्रेमसागर शर्मा उर्फ ट्ड्डिू है। उसके नाम का खुलासा उन्नाव में पकड़े गए सॉल्वर सत्यम कुमार पांडेय निवासी बेतिया, बिहार ने पूछताछ में किया।
बताया कि शिवम ने ही उसे 30 हजार रुपये एडवांस देकर अड़हलगंज, थरवई निवासी पुष्पेंद्र यादव की जगह परीक्षा में बैठने को भेजा था। यही नहीं, उसे उन्नाव में ही शाम की पाली में प्रयागराज के सौरभ व अगले दिन होने वाली परीक्षा में लखनऊ में धर्मेंद्र कुमार की जगह पीईटी में बतौर सॉल्वर बैठना था।
परीक्षा में अभ्यर्थियों को पास कराने का ठेका लेने के साथ ही, एडवांस लेने व सॉल्वर की व्यवस्था करने तक का काम शिवम ही करता था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि अब तक कि जांच में साफ है कि शिवम ही इस गिरोह का संचालन कर रहा था। डिप्टी एसपी एसटीएफ नवेंदु सिंह का कहना है कि सॉल्वर गिरोह के सदस्यों व सरगना की तलाश की जा रही है।