Prayagraj:  प्रयागराज-वाराणसी हाईवे पर झूंसी में दस घंटे के जाम से, वाहनों की सात किमी लंबी कतार

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Prayagraj News :  झूंसी में लगा भीषण जाम। नौ घंटे तक जूझते रहे लोग।

Prayagraj News : झूंसी में लगा भीषण जाम। नौ घंटे तक जूझते रहे लोग।
– फोटो : अमर उजाला।

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शास्त्री पुल के डाउन लेन की सड़क के निर्माण के लिए रविवार की रात से पुल पर लागू किए किए गए वन वे ट्रैफिक के पहले दिन सोमवार को प्रयागराज-वाराणसी हाईवे पर भीषण जाम से लोगों में हाहाकार मचा रहा। तकरीबन दस घंटे के भीषण जाम के कारण प्रयागराज-वाराणसी हाईवे पर वन वे हुई ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त रही। सुबह दस बजे से लगा जाम रात आठ बजे तक निरंतर जारी रहा। नौ बजे के बाद कुछ हद तक वाहन आगे बढ़े तो हालात सामान्य हुए।

वन वे ट्रैफिक व्यवस्था मेें एक लेन पर तकरीबन सात किलोमीटर की दूरी में वाहनों की लंबी-लंबी कतार लगी रही। हालत यह रही कि दो पहिया वाहनों का भी जाम से निकलना मुश्किल हो गया था। लोग अपने-अपने वाहनों के साथ घंटों जाम में फंसे रहे। जाम के झाम में दफ्तर जा रहे कर्मचारी, अधिवक्ता और स्कूली छात्र-छात्राएं भी जहां के तहां फंसे रहे। हालात बेकाबू हुए तो दोपहर तीन बजे के बाद इलाकाई पुलिस हरकत में आई। हालांकि तब तक हाईवे की एक लेन पर भीषण जाम लग चुका था। जाम के चलते बड़ी संख्या में यात्रियों की ट्रेनें भी छूट गईं। 

शास्त्री पुल के डाउन लेन की सड़क के निर्माण के लिए रविवार की रात से ट्रैफिक वन वे कर दिया गया था। सोमवार की सुबह से पुल के अप लेन से दोनों ओर के वाहनों को गुजारा जा रहा था। रविवार की छुट्टी के बाद सप्ताह के पहले दिन सोमवार को जैसे ही हाईवे पर ट्रैफिक बढ़ी तो चौतरफा जाम लग गया। प्रयागराज-वाराणसी हाईवे पर झूंसी पुलिस बूथ से लेकर अलोपीबाग चुंगी तक अप लेन में भीषण जाम लग गया।

देखते ही देखते जाम का झाम झूंसी के त्रिवेणीपुरम कालोनी तक बढ़ता चला गया। दोपहर तीन बजे के बाद तो हालात ऐेसे हुए कि सरकारी दफ्तर के कर्मचारी, स्कूल के छात्र-छात्राएं और व्यापारी जहां के तहां फंस गए। हालत यह रही कि दो पहिया वाहन चालक भी जाम में बुरी तरह फंसे रहे। देखते ही देखते झूंसी त्रिवेणीपुरम तिराहे से लेकर अलोपीबाग चुंगी तक सात किलोमीटर की दूरी में वाहन घंटों रेंगते रहे। इसमें दफ्तर से लौट रहे कर्मचारी, स्कूली बच्चे और सैकड़ों अधिवक्ता भी फंसे रहे। भीषण जाम में फंसे लोग गुनगुने जाड़े में भी कराह उठे।

भीषण जाम लगने से यातायात व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई। जाम से हालात बिगड़ने लगे तो तकरीबन तीन बजे के बाद इलाकाई पुलिस हरकत में आई। हालांकि तब तक हाईवे पर दूर-दूर तक वाहनों की लंबी कतार लग चुकी थी। बाद में शास्त्री पुल के बंद लेन को दो पहिया वाहनों के लिए खोला गया। तब जाकर जाम में फंसे वाहन धीरे-धीरे कर आगे बढ़ने लगे। रात नौ बजे के बाद स्थिति कुछ हद तक सामान्य हो सकी। लोगों को झूंसी से शहर की पंद्रह मिनट की दूरी तय करने में आज दो से तीन घंटे लग गए। 

सवारी वाहन छोड़ पैदल ही तय की अलोपीबाग चुंगी से झूंसी की दूरी
हाईवे पर ट्रैफिक वन वे होने के कारण सोमवार की शाम जाम का झाम गहराने लगा तो सैकड़ों राहगीरों ने सवारी वाहन छोड़कर पैदल की अलोपीबाग चुंगी से झूंसी तक की दूरी तय की। झूंसी छिबैयां गांव निवासी लल्लन यादव किसी काम से शहर गए थे। शाम को तकरीबन चार बजे टेंपों से झूंसी लौट रहे थे। शास्त्री पुल पर टेंपों जाम में फंसा तो लल्लन ने वहां से झूंसी तक की तकरीबन चार किलोमीटर की दूरी पैदल ही तय की। इनकी तरह ही आवास विकास कालोनी निवासी श्रेयांश, नई झूंसी निवासी शिव मिश्र तथा ललिता व सुमन भी सवारी वाहन छोड़कर शास्त्री पुल होते हुए अपने घर पहुंचे। 

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चंदौली से तीन घंटे में पहुंचे झूंसी और झूंसी से शहर पहुंचे चार घंटे में 
चंदौली निवासी राजीत कुमार अपनी कार से सोमवार की सुबह प्रयागराज के लिए निकले थे। चंदौली से झूंसी तो वह परिवार के साथ तीन घंटे में पहुंच गए लेकिन यहां से शहर तक की दूरी करने में इन्हें चार घंटे लग गए। तकरीबन तीन घंटे तक पूरा कुनबा में जाम में फंसा रहा। इसी प्रकार 108 एंबुलेंस का चालक जय प्रकाश प्रतापपुर से मरीज लेकर शहर जा रहा था लेकिन झूंसी में आकर जाम में फंस गया। हंडिया निवासी राजेंद्र यादव, मनोज कुमार सिंह तथा बादशाहपुर निवासी सार्थक केसरवानी भी दो से तीन घंटे जाम में फंसे रहेे।

जाम के कारण शाम तक सेंट जांस स्कूल में फंसा रहा महिला चिकित्सक का तीन साल का बेटा 
शास्त्री पुल पर लगे भीषण जाम के कारण झूंसी की महिला चिकित्सक डॉ. प्रीति त्रिपाठी और इंजीनियर डॉ. अमित त्रिपाठी का सात साल का बेटा शहर के सेंट जांस स्कूल में शाम तक फंसा रहा। डॉ. प्रीति का बेटा शहर के सेंट जांस स्कूल में कक्षा तीन में पढ़ता है। डॉ. अमित उसे लेने के लिए घर से तकरीबन डेढ़ बजे निकले तो जाम मेें फंस गए। किसी तरह फाफामऊ होकर शाम को तकरीबन छह बजे वह बेटे को लेने स्कूल पहुंचे। माता-पिता को देखते ही बेटा उनसे लिपटकर खूब रोया। बेटे को सकुशल देखकर मां-बाप की आंखे भी डलक गईं।

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शास्त्री पुल के डाउन लेन की सड़क के निर्माण के लिए रविवार की रात से पुल पर लागू किए किए गए वन वे ट्रैफिक के पहले दिन सोमवार को प्रयागराज-वाराणसी हाईवे पर भीषण जाम से लोगों में हाहाकार मचा रहा। तकरीबन दस घंटे के भीषण जाम के कारण प्रयागराज-वाराणसी हाईवे पर वन वे हुई ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त रही। सुबह दस बजे से लगा जाम रात आठ बजे तक निरंतर जारी रहा। नौ बजे के बाद कुछ हद तक वाहन आगे बढ़े तो हालात सामान्य हुए।

वन वे ट्रैफिक व्यवस्था मेें एक लेन पर तकरीबन सात किलोमीटर की दूरी में वाहनों की लंबी-लंबी कतार लगी रही। हालत यह रही कि दो पहिया वाहनों का भी जाम से निकलना मुश्किल हो गया था। लोग अपने-अपने वाहनों के साथ घंटों जाम में फंसे रहे। जाम के झाम में दफ्तर जा रहे कर्मचारी, अधिवक्ता और स्कूली छात्र-छात्राएं भी जहां के तहां फंसे रहे। हालात बेकाबू हुए तो दोपहर तीन बजे के बाद इलाकाई पुलिस हरकत में आई। हालांकि तब तक हाईवे की एक लेन पर भीषण जाम लग चुका था। जाम के चलते बड़ी संख्या में यात्रियों की ट्रेनें भी छूट गईं। 



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