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10 जून को अटाला में हुए उपद्रव के मामले में गिरफ्तार अखलाक समेत दो आरोपियों को मंगलवार को कस्टडी रिमांड पर ले लिया गया। इस दौरान उनसे घंटों पूछताछ की गई। पुलिस अफसरों ने अखलाक से पूछा कि बवाल कर रहे युवकों के पास पत्थर और बम कहां से आए। यह भी पूछा गया कि भीड़ को पत्थरबाजी के लिए किसने उकसाया था।
सुबह पुलिस ने नैनी जेल जाकर करेली निवासी अखलाक और अब्दुल रहमान को कस्टडी रिमांड पर ले लिया। इसके बाद उन्हें क्राइम ब्रांच कार्यालय में ले जाया गया जहां उनसे पूछताछ शुरू हुई। गौरतलब है कि उपद्रव करने वाली भीड़ में अखलाक ही सबसे आगे थे और पुलिस पर हमलावर भी वह सबसे पहले हुआ था। ऐसे में उससे गहन पूछताछ की गई। पुलिस ने पूछा कि बवालियों के हाथों में पत्थर व बम कहां से आए।
वह कौन था, जिसके कहने पर भीड़ में शामिल युवकों ने पत्थर चलाने शुरू किए। क्या इसके लिए पत्थर पहले से इकट्ठे किए गए थे। गौरतलब है कि करेली निवासी अखलाक अली मस्जिद में साफसफाई का काम करता था। साथ ही मस्जिद में चंदे से आने वाली रकम का हिसाब-किताब भी रखता था।
उसने ही हाफिज तौसीफ का नाम बताया था और कहा था कि तौसीफ ने ही उसे व अन्य युवकों को मजहब के लिए लड़ाई लड़ने को उकसाया था। इसके बाद ही पुलिस तौसीफ की तलाश में जुटी और दो दिन पहले गिरफ्तार कर उसे जेल भेजा। उधर, शाम को रिमांड अवधि खत्म होने पर दोनों को जेल भेज दिया गया।
जावेद का फेसबुक दोस्त है रहमान
कस्टडी रिमांड पर लिए गए दूसरे आरोपी अब्दुल रहमान से भी घंटों पूछताछ चली। पुलिस ने बताया कि अब्दुल अटाला बवाल मामले के मुख्य आरोपी जावेद मोहम्मद से फेसबुक पर जुड़ा था। खास बात यह कि वह उसकी पोस्ट व मैसेज को फेसबुक व व्हाट्सएप पर शेयर करता था। उससे इसकी वजह पूछी गई और जावेद से कनेक्शन के संबंध में भी सवाल दागे गए।
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