Prof. rajju bhaiya University : सामूहिक नकल में पकड़े गए 9607 परीक्षार्थियों की दोबारा हो सकती है परीक्षा

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Prayagraj News :  राज्य विश्वविद्यालय।

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– फोटो : अमर उजाला।

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प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय की तृतीय वर्ष की स्नातक की परीक्षा में सामूहिक नकल करते हुए पकड़े गए 9607 परीक्षार्थियों की दोबारा परीक्षा हो सकती है। हालांकि इन अभ्यर्थियों की दोबारा परीक्षा दिसंबर-जनवरी में ही हो सकेगी। सामूहिक नकल में दोषी पाए गए छात्रों ने कुलपति से मिलकर जल्द परीक्षा कराने की मांग की थी। छात्रों का कहना था कि इससे समय रहते छात्रों को अंतिम वर्ष की डिग्री मिल सकेगी। वहीं विवि की ओर से स्नातक की परीक्षाएं अप्रैल-मई के मध्य माह में प्रस्तावित हैं। 

राज्य विश्वविद्यालय की सत्र 2021-22 की स्नातक तृतीय वर्ष की परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन में सामूहिक नकल का मामला सामने आया था। विवि की ओर से 9849 परीक्षार्थी सामूहिक नकल में चिह्नित किए गए थे। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन परीक्षार्थियों को एक साल के लिए डिबार करने का निर्णय लिया। बाद में इन परीक्षार्थियों को एक अवसर प्रदान करते हुए प्रत्यावेदन मांगे थे। इनके प्रत्यावेदन के परीक्षण की जिम्मेदारी यूएफएम कमेटी को दी गई थी।

प्रत्यावेदन में परीक्षार्थियों ने खुद को निर्दोष बताया था। हालांकि जांच कमेटी ने 9607 छात्रों को सामूहिक नकल का दोषी पाया था। जबकि 242 परीक्षार्थियों को सामूहिक नकल के आरोप से बरी कर दिया था। इस छात्रों ने कुलपति को ज्ञापन देकर दोबारा परीक्षा कराने की मांग की थी। ताकि उन्हें समय से अंतिम वर्ष की डिग्री मिल सके। छात्रों की मांग पर विवि प्रशासन दोबारा परीक्षा कराने पर विचार कर रहा है। ऐसे में इन छात्रों की परीक्षा दिसंबर और जनवरी महीने में हो सकती है। 

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772 में 118 पाए गए दोष मुक्त
राज्य विवि की विषम सेमेस्टर परीक्षा में अलग-अलग केंद्रों से 772 परीक्षार्थी नकल करते हुए पकड़े गए थे। राज्य विश्वविद्यालय ने इन छात्रों की सूची जारी कर आपत्तियां मांगी थीं। यूएफएम कमेटी की रिपोर्ट पर परीक्षा समिति ने नकल में दोषी पाए गए और निर्दोष विद्यार्थियों की सूची वेबसाइट पर जारी कर दी है। नकल में दोष सिद्ध हुए छात्रों का परीक्षाफल निरस्त कर दिया गया है। 772 में से 118 विद्यार्थियों को नकल से बरी कर दिया गया है। 

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प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय की तृतीय वर्ष की स्नातक की परीक्षा में सामूहिक नकल करते हुए पकड़े गए 9607 परीक्षार्थियों की दोबारा परीक्षा हो सकती है। हालांकि इन अभ्यर्थियों की दोबारा परीक्षा दिसंबर-जनवरी में ही हो सकेगी। सामूहिक नकल में दोषी पाए गए छात्रों ने कुलपति से मिलकर जल्द परीक्षा कराने की मांग की थी। छात्रों का कहना था कि इससे समय रहते छात्रों को अंतिम वर्ष की डिग्री मिल सकेगी। वहीं विवि की ओर से स्नातक की परीक्षाएं अप्रैल-मई के मध्य माह में प्रस्तावित हैं। 

राज्य विश्वविद्यालय की सत्र 2021-22 की स्नातक तृतीय वर्ष की परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन में सामूहिक नकल का मामला सामने आया था। विवि की ओर से 9849 परीक्षार्थी सामूहिक नकल में चिह्नित किए गए थे। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन परीक्षार्थियों को एक साल के लिए डिबार करने का निर्णय लिया। बाद में इन परीक्षार्थियों को एक अवसर प्रदान करते हुए प्रत्यावेदन मांगे थे। इनके प्रत्यावेदन के परीक्षण की जिम्मेदारी यूएफएम कमेटी को दी गई थी।



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