सहारनपुर में राधा स्वामी सत्संग ब्यास से जुड़े अनुयायियों की आस्था का सैलाब पिलखनी स्थित मेजर सेंटर में बुधवार को देखने को मिला। डेरा प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों की अमृतवाणी को सुनने के लिए पांच लाख से भी अधिक अनुयायी पहुंचे। सत्संग पंडाल स्थान कम पड़ने पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने खड़े होकर उनके दर्शन किए। नियत समय पर बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने बैटरी चलित खुली जीप में बैठकर सत्संग हाल में प्रवेश किया। इससे पूर्व तुलसीदास की बानी पर सत्संग करते हुए पाठी अफजल अहमद ने सर्वप्रथम सभी धर्मो के पवित्र ग्रंथों में लिखे परमात्मा से मिलने के माध्यम तरीकों की विस्तार व्याख्या की और दसवें द्वार के बारे में विस्तार से जानकारी दी। आश्रम, पंड़ाल और बाहर सुरक्षा व्यवस्था से लेकर भोजन आदि तमाम व्यवस्था सेवादारों ने खुद संभाल रखी है। दो दिवसीय सत्संग के पहले दिन ही संगत का सैलाब उमड़ पड़ा। बुधवार को पांच लाख से ज्यादा अनुयायी यहां पहुंचे।
बाबाजी के दर्शन करने तथा उनकी अमृतवाणी सुनने के लिए मेजर सेंटर पिलखनी का पंडाल सुबह आठ बजे ही खचाखच भर गया था, जबकि बाबाजी के दर्शन सुबह दस बजे के बाद होने थे। सभी अनुयायी शांत और अनुशासन के साथ बैठे रहे। आश्रम में चार लाख लोगों के बैठने की व्यवस्था वाला सत्संग का पंडाल भरा था। कही भी बैठने की जगह नहीं बची थी, बल्कि भारी संख्या में अनुयायिओं को पंडाल से बाहर बैठकर सत्संग सुनना पड़ा। खास बात यह थी कि करीब दो घंटे तक चले कार्यक्रम में पूरे सत्संग में सभी लोग शांत रहे। बाबाजी के दर्शन के दौरान भी कोई जयकारा तक नहीं लगा।
दो दिवसीय समागम कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के अलावा पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, दिल्ली, चंडीगढ़ आदि प्रांतों से अनुयायी पहुंचे है। अपने वाहनों के अलावा ट्रेनों से भी अनुयायियों के आने को सिलसिला जारी है। आज बाबाजी सत्संग से संगत को निहाल करेंगे। माना जा रहा है कि इस दौरान छह लाख से अधिक अनुयायी मौजूद होंगे।
20 हजार से अधिक वाहन आए, 15 पार्किंग बनाई
सहारनपुर। करीब ढाई हजार बीघा जमीन पर बने आश्रम में वाहन ही वाहन नजर आए। आश्रम में लोगों के पहुंचने के लिए पहले से ही वाहन पास जारी किए गए थे। आश्रम में प्रवेश के लिए 13 द्वार बनाए गए है। अंदर वाहनों की पार्किंग के लिए 15 पार्किंग स्थल बनाए गए है। वाहन की एंट्री जिस गेट से होनी थी, उसका वाहन उसी ब्लॉक में खड़ा किया गया। वीआईपी पास भी जारी किए गए थे, जो गेट नंबर आठ होकर पीछे से पंडाल के सबसे पास पहुंचते हैं। इन पार्किंग स्थलों में 20 हजार से अधिक वाहन पार्क किए गए, जिसमें बस, ट्रक, कार, ट्रैक्टर, बाइक आदि शामिल रहे। संवाद
हर जगह अनुशासन में रहे श्रद्धालु
राधा स्वामी सत्संग में दूर दराज से लाखों अनुयायी पहुंचे। आश्रम के अंदर से लेकर बाहर सड़कों तक वाहनों का रेला नजर आए, लेकिन सभी कुछ अनुशासन में रहा। कहीं भी जाम की स्थिति नहीं बनी। श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए सेवादार तमाम व्यवस्था संभालने में जुटे रहे।
पिलखनी के मेजर सेंटर तक अनुयायियों को बिना परेशानी पहुंचाने की जिम्मेदारी भी सेवादारों की है। इसके लिए करीब सात हजार सेवादारों को लगाया गया था। देहरादून से लेकर हरिद्वार, रुड़की, यमुनानगर, अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल तक सेवादार ड्रेस कोड़ में यातायात व्यवस्था को संभाले हुए है। अंबाला रोड के अलावा आश्रम के आसपास के देहात के सम्पर्क मार्गों पर भी सेवादार सेवा करते नजर आए। किसी को कोई परेशानी न हो इसका विशेष ख्याल रखा गया। बुधवार का कार्यक्रम समाप्त होने पर भी आश्रम के अंदर और बाहर सड़कों पर जाम नहीं लगा। सेवादारों के साथ प्रशासन की ओर से होमगार्ड और यातायात पुलिस को भी नियुक्त किया गया है।
एक साथ 50 हजार संगत के भोजन की व्यवस्था
आश्रम में एक साथ 50 हजार संगत की भोजन की व्यवस्था है। जबकि कैंटीन में एक साथ 70 हजार अनुयायी आ सकते है।आश्रम में बनाए गए भोजन घर में महिलाओं को भोजन और नाश्ता बनाने की जिम्मेदारी की गई है। चार लाख लोगों के खाने के बर्तन भी आश्रम में है। बुधवार को दोपहर में लंगर शुरू हुआ तो भी अनुयायी पूरे अनुशासित दिखाई दिए। भोजन परोसने से लेकर बर्तन उठाने और साफ करने के लिए सेवादार नियुक्त किए गए हैं। आश्रम में 80 स्थानों पर पेयजल की व्यवस्था को प्लाऊ लगाई गई है।
बुजुर्ग और दिव्यांग अनुयायी भी सत्संग में पहुंचे
राधा स्वामी सत्संग में बाबाजी के दर्शन करने और उनकी अमृतवाणी सुनने के लिए अनुयायी लगातार आ रहे हैं। इनके युवाओं से लेकर बुजुर्ग और दिव्यांग भी शामिल हैं। व्हीलचेयर के जरिये सेवादार ऐसे भक्तों की सेवा में लगे हैं।
बुधवार को बाबाजी के दर्शन के बाद पंड़ाल से निकली भीड़ में सैकड़ों की संख्या में दिव्यांग श्रद्घालु व्हीलचेयर पर नजर आए। हरिद्वार से आई कृष्णा को सेवादार व्हीलचेयर पर ले जाता मिला। कृष्णा ने बताया कि एक दशक से दिव्यांग हैं, यहां सेवादारों ने बाबाजी के दर्शन करा कर धन्य करा दिया। लुधियाना की राजेश ने बताया कि 15 सालों से पैरों ने चल नहीं सकती। बाबाजी के दर्शन करने और सत्संग सुनने का अवसर यहां मिला है।