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मथुरा के महावन में भगवान श्रीकृष्ण की आल्हादिनी शक्ति श्रीराधारानी की प्राकट्य स्थली रावल में चार सितंबर को जन्मोत्सव मनाया जाएगा। मथुरा-बलदेव मार्ग पर लक्ष्मीनगर से पांच किमी दूर स्थित गांव रावल में राधारानी के प्राकट्य की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया गया है।
गांव में घर-घर राधा रानी का प्राकट्योत्सव मनाया जाएगा। मंदिर में रोशनी की व्यवस्था की गई है। महंत राहुल कल्ला ने बताया कि महाराष्ट्र के वर्धा जिले से 500 ग्राम चांदी की झारी (गंगा सागर) लाया गया है। इससे राधारानी का महाभिषेक सुबह 5.30 से 6 बजे तक किया जाएगा। इसमें 125 किलोग्राम दूध, दही, शहद, बूरा, यमुना जल, घी आदि शामिल किए जाएंगे।
सूरज से लाए गए वस्त्र
श्रृंगार दर्शन के दौरान गुजरात के जिला सूरत से परिधान बनाने के लिए हल्के पीले रंग का कपड़ा लाया गया है। इसमें जरी, गोटा, मोती, सितारे आदि लगाए गए हैं। आभूषण भी सूरत से लाए गए हैं। दिल्ली से लाए गए फूलों से बंगला सजाया जाएगा। इनमें कलकत्ती गेंदा, गुलाब, जरबरा, कानेशन, लिली, रायविल, रजनी गंधा आदि के फूल शामिल हैं। इत्र से जगमोहन महकेगा।
रविवार को सुबह 4:30 बजे मंगला आरती, पांच बजे जन्मोत्सव दर्शन, सुबह 5.30 से 6.30 बजे तक महाअभिषेक होगा। सुबह 7 से 9 बजे तक गौड़ीय समाज द्वारा गायन एवं चाव, नौ बजे से श्रृंगार दर्शन, दोपहर 12 बजे प्रसाद वितरण, रात नौ बजे शयन आरती, पांच सितंबर को दोपहर 12 बजे से वृषभानु बधाई होगी।
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