Raebareli: जलस्तर बढ़ने से अस्थाई पुल का निर्माण अधर में, जान जोखिम में डालकर आने-जाने को मजबूर लोग

0
18

[ad_1]

नाव से गंगा पार करते राहगीर।

नाव से गंगा पार करते राहगीर।

ख़बर सुनें

रायबरेली और फतेहपुर को जोड़ने के लिए गंगा नदी में बनने वाले अस्थाई पुल का निर्माण नहीं हो पाएगा क्योंकि गंगा का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि पुल बनाना संभव नहीं है। अस्थाई पुल नहीं बनने से लोग जान जोखिम में डालकर नाव से आने-जाने को मजबूर हैं। वहीं चार पहिया और भारी वाहनों को डलमऊ होकर घूमकर जाना पड़ रहा है।

फतेहपुर जिले को जोड़ने के लिए लोक निर्माण विभाग की ओर से ऊंचाहार क्षेत्र के पूरे तीर मजरे खरौली गंगा घाट पर पीपे का अस्थाई पुल बनाया जाता है। इसी पुल से रायबरेली के अलावा अमेठी, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़ के लोग फतेहपुर, बांदा, चित्रकूट, महोबा जाते हैं।

पुल के बनने से करीब 26 किलोमीटर की दूरी कम हो जाती है। पुल अक्तूबर माह में बनाया जाता है और गंगा नदी में बाढ़ आने के पहले जून माह में हटा लिया जाता है। एक सप्ताह पहले नदी में अचानक जलस्तर बढ़ गया। इससे पांच अक्टूबर से शुरू होने वाले पुल के निर्माण का काम रोक दिया गया है।

पुल बनने से ऊंचाहार में सब्जी सहित खाद्य पदार्थों का व्यापार बढ़ जाता है। दूधिए दूध लेकर नगर के होटलों पर बिक्री करतें हैं, लेकिन पुल हटने के बाद इनका एक मात्र नाव ही सहारा है। बाढ़ के दिनों में व्यापारी व राहगीर जान जोखिम में डालकर नावों से नदी पार करते हैं।

बोर्ड लगाए हैं नि:शुल्क का, वसूलते रुपया
कहने को तो राहगीरों को नदी पार कराने के लिए पीडब्ल्यूडी की सरकारी नाव चल रही है। नाव में नि:शुल्क सेवा का बोर्ड भी लगा हुआ। नाविक राहगीरों को बाइक सहित नदी पार कराने के एवज में 40 रुपये वसूल करते हैं। इससे लोगों में रोष है।

जलस्तर घटने पर बनाया जाएगा पुल
अवर अभियंता लोक निर्माण विभाग राकेश पटेल का कहना है कि गंगा का जलस्तर बढ़ने की वजह से अस्थाई पुल का निर्माण नहीं हो पाया है। जलस्तर घटने पर अस्थाई पुल बनवाया जाएगा। आने-जाने के लिए नि:शुल्क नाव लगी है। अवैध वसूली की जांच कराई जाएगी।

यह भी पढ़ें -  Murder: अंबेडकरनगर में डबल मर्डर, धारदार हथियार से पति-पत्नी की निर्ममता से हत्या

विस्तार

रायबरेली और फतेहपुर को जोड़ने के लिए गंगा नदी में बनने वाले अस्थाई पुल का निर्माण नहीं हो पाएगा क्योंकि गंगा का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि पुल बनाना संभव नहीं है। अस्थाई पुल नहीं बनने से लोग जान जोखिम में डालकर नाव से आने-जाने को मजबूर हैं। वहीं चार पहिया और भारी वाहनों को डलमऊ होकर घूमकर जाना पड़ रहा है।

फतेहपुर जिले को जोड़ने के लिए लोक निर्माण विभाग की ओर से ऊंचाहार क्षेत्र के पूरे तीर मजरे खरौली गंगा घाट पर पीपे का अस्थाई पुल बनाया जाता है। इसी पुल से रायबरेली के अलावा अमेठी, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़ के लोग फतेहपुर, बांदा, चित्रकूट, महोबा जाते हैं।

पुल के बनने से करीब 26 किलोमीटर की दूरी कम हो जाती है। पुल अक्तूबर माह में बनाया जाता है और गंगा नदी में बाढ़ आने के पहले जून माह में हटा लिया जाता है। एक सप्ताह पहले नदी में अचानक जलस्तर बढ़ गया। इससे पांच अक्टूबर से शुरू होने वाले पुल के निर्माण का काम रोक दिया गया है।

पुल बनने से ऊंचाहार में सब्जी सहित खाद्य पदार्थों का व्यापार बढ़ जाता है। दूधिए दूध लेकर नगर के होटलों पर बिक्री करतें हैं, लेकिन पुल हटने के बाद इनका एक मात्र नाव ही सहारा है। बाढ़ के दिनों में व्यापारी व राहगीर जान जोखिम में डालकर नावों से नदी पार करते हैं।

बोर्ड लगाए हैं नि:शुल्क का, वसूलते रुपया

कहने को तो राहगीरों को नदी पार कराने के लिए पीडब्ल्यूडी की सरकारी नाव चल रही है। नाव में नि:शुल्क सेवा का बोर्ड भी लगा हुआ। नाविक राहगीरों को बाइक सहित नदी पार कराने के एवज में 40 रुपये वसूल करते हैं। इससे लोगों में रोष है।

जलस्तर घटने पर बनाया जाएगा पुल

अवर अभियंता लोक निर्माण विभाग राकेश पटेल का कहना है कि गंगा का जलस्तर बढ़ने की वजह से अस्थाई पुल का निर्माण नहीं हो पाया है। जलस्तर घटने पर अस्थाई पुल बनवाया जाएगा। आने-जाने के लिए नि:शुल्क नाव लगी है। अवैध वसूली की जांच कराई जाएगी।



[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here