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आगरा मंडल के ईदगाह, यमुना ब्रिज, बिचपुरी, आगरा सिटी, रुनकता, बांदीकुई, फरह, सहित दस से ज्यादा रेलवे स्टेशनों पर फुटफॉल बेहद कम है। इनकी रोजाना की टिकट बिक्री से आय भी 15 हजार से कम है। ऐसे में इन स्टेशनों पर एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं हो सकेगा।
रेलवे बोर्ड के आदेश के मुताबिक, जिन रेलवे स्टेशनों पर एक्सप्रेस ट्रेन में 20 से कम यात्री सवार होते हैं और उनकी रोजाना की टिकट विक्रय से होने वाली आय 15 हजार से कम है। ऐसे स्टेशनों पर एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं हो सकेगा।
एक्सप्रेस ट्रेन के ठहराव से खर्च होते हैं 25 हजार रुपये
रेलवे के मुताबिक, एक्सप्रेस ट्रेन के ठहराव करने से रेलवे पर तकरीबन 25 हजार रुपये का व्यय होता है। ऐसे में बोर्ड के इस निर्णय से ईदगाह और राजा की मंडी जैसे स्टेशनों पर पर भी असर पड़ सकता है।
हालांकि राजा की मंडी स्टेशन अभी इस श्रेणी के स्टेशनों में शामिल नहीं है, लेकिन स्टेशन पर रुकने वाली एक्सप्रेस ट्रेनें गिनी चुनी हैं। रेलवे ईदगाह को सेंट्रल स्टेशन के रूप में विकसित करने पर विचार कर रहा है, लेकिन स्टेशन की कमाई रोजाना 15 हजार रुपये से कम है।
आगरा रेल मंडल की वाणिज्य प्रबंधक प्रशस्ति श्रीवास्तव का कहना है कि इस तरह के स्टेशनों पर एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव बहुत ही कम हैं, लेकिन बोर्ड के निर्णय के बाद भविष्य में भी इस पर विचार नहीं होगा। अगर स्टेशन की कैटेगरी में बदलाव आता है तो अलग बात है।
विस्तार
आगरा मंडल के ईदगाह, यमुना ब्रिज, बिचपुरी, आगरा सिटी, रुनकता, बांदीकुई, फरह, सहित दस से ज्यादा रेलवे स्टेशनों पर फुटफॉल बेहद कम है। इनकी रोजाना की टिकट बिक्री से आय भी 15 हजार से कम है। ऐसे में इन स्टेशनों पर एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं हो सकेगा।
रेलवे बोर्ड के आदेश के मुताबिक, जिन रेलवे स्टेशनों पर एक्सप्रेस ट्रेन में 20 से कम यात्री सवार होते हैं और उनकी रोजाना की टिकट विक्रय से होने वाली आय 15 हजार से कम है। ऐसे स्टेशनों पर एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं हो सकेगा।
एक्सप्रेस ट्रेन के ठहराव से खर्च होते हैं 25 हजार रुपये
रेलवे के मुताबिक, एक्सप्रेस ट्रेन के ठहराव करने से रेलवे पर तकरीबन 25 हजार रुपये का व्यय होता है। ऐसे में बोर्ड के इस निर्णय से ईदगाह और राजा की मंडी जैसे स्टेशनों पर पर भी असर पड़ सकता है।
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