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रेलवे ग्रुप-डी की ऑनलाइन परीक्षा में सेंधमारी का मास्टर माइंड आगरा में तैनात लोको पायलट रामजी है। गोरखपुर में पकड़े गए चार आरोपियों से पूछताछ में पुष्टि के बाद पुलिस ने कुशीनगर के अहिरौली बाजार निवासी रामजी को वांछित कर दिया है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम लगाई गई है।
जांच में पता चला कि 10 लाख रुपये में सॉल्वर को बैठाकर परीक्षा पास कराने का ठेका लिया गया था और एक लाख रुपये एडवांस के तौर पर लिया गया था। पकड़े गए आरोपियों की पहचान बिहार के काशीचक निवासी पंकज कुमार, खोराबार के चनकापुर निवासी दीपचंद, चौरीचौरा के कुसली निवासी इंद्रजीत और चौरीचौरा के इब्राहिमपुर निवासी संदीप पासवान के रूप में हुई।
मंगलवार को पकड़े गए थे चार आरोपी
एसपी नार्थ मनोज अवस्थी ने बताया कि गीडा पुलिस और एसओजी प्रभारी मनीष यादव की टीम ने चार आरोपियों को मंगलवार को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि लोको पायलट रामजी गिरोह का मास्टर माइंड है। सभी सेटिंग वही करता है। हम लोगों को सिर्फ अभ्यर्थी को फंसाना होता है और रुपये वसूलने होते हैं। नियुक्ति के बाद पूरा भुगतान होता है और फिर रुपयों का बंटवारा होता है।
एसपी ने बताया कि खोराबार के दीपचन्द की जगह पर पंकज बैठा था। इन दोनों के पकड़े जाने के बाद अन्य आरोपी चौरीचौरा से पकड़े गए थे। उधर, एसटीएफ ने भी चार आरोपियों को पकड़ा था। पुलिस ने सभी आठ आरोपियों को बुधवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से जेल भेजा गया।
बुआ का नाम भूलकर फंस गया सॉल्वर
रेलवे ग्रुप-डी की ऑनलाइन परीक्षा में एक सॉल्वर के पकड़े जाने के बाद ही पुलिस उसके अन्य साथियों के पास पहुंच पाई। दरअसल, पुलिस ने अफल अभ्यर्थी को पहले पकड़ा और उससे ब्योरा हासिल कर जब सॉल्वर को पकड़ा तो खुद ही चकरा गई। क्योंकि, फोटो ऐसा एडिट किया गया था कि उसे फर्जी साबित कर पाना आसान नहीं था। इसके बाद पुलिस ने घर परिवार का नाम पूछा तो सब बता ले गया, लेकिन बुआ के नाम पर अटक गया।
फूफा का नाम बताया और बुआ का नाम नहीं बताने पर पुलिस ने उसे उठा लिया और फिर गिरोह का भंडाफोड़ किया। एसपी नार्थ ने बताया कि जालसाजों ने फोटो को ऐसा एडिट किया था कि अगर पंकज को सामने करके देखा जाए तो उसकी लग रही थी और दीपचंद को देखा जाए तो उसकी लग रही थी।
शातिराना तरीके से आधार कार्ड के फोटो को भी एडिट कर दिया गया था। इतना ही नहीं फोटो में उसी शर्ट का इस्तेमाल किया गया था, जिस शर्ट को पहनकर वह परीक्षा में शामिल होने के लिए गया था। चेहरे की ढाढ़ी हटाकर फोटो बनाई गई थी और उसी तरह परीक्षा में शामिल होने के लिए भी गया था।
विस्तार
रेलवे ग्रुप-डी की ऑनलाइन परीक्षा में सेंधमारी का मास्टर माइंड आगरा में तैनात लोको पायलट रामजी है। गोरखपुर में पकड़े गए चार आरोपियों से पूछताछ में पुष्टि के बाद पुलिस ने कुशीनगर के अहिरौली बाजार निवासी रामजी को वांछित कर दिया है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम लगाई गई है।
जांच में पता चला कि 10 लाख रुपये में सॉल्वर को बैठाकर परीक्षा पास कराने का ठेका लिया गया था और एक लाख रुपये एडवांस के तौर पर लिया गया था। पकड़े गए आरोपियों की पहचान बिहार के काशीचक निवासी पंकज कुमार, खोराबार के चनकापुर निवासी दीपचंद, चौरीचौरा के कुसली निवासी इंद्रजीत और चौरीचौरा के इब्राहिमपुर निवासी संदीप पासवान के रूप में हुई।
मंगलवार को पकड़े गए थे चार आरोपी
एसपी नार्थ मनोज अवस्थी ने बताया कि गीडा पुलिस और एसओजी प्रभारी मनीष यादव की टीम ने चार आरोपियों को मंगलवार को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि लोको पायलट रामजी गिरोह का मास्टर माइंड है। सभी सेटिंग वही करता है। हम लोगों को सिर्फ अभ्यर्थी को फंसाना होता है और रुपये वसूलने होते हैं। नियुक्ति के बाद पूरा भुगतान होता है और फिर रुपयों का बंटवारा होता है।
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