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सार
राजस्थान में राज्यसभा की चार सीटों के लिए अधिसूचना मंगलवार को जारी होगी। दो सीटों पर कांग्रेस और एक पर भाजपा की जीत पक्की मानी जा रही है। चौथी सीट के लिए दोनों पार्टियों में कश्मकश बना हुआ है।
राजस्थान में राज्यसभा चुनावों की अधिसूचना मंगलवार को जारी होगी। प्रदेश की चार सीटें 4 जुलाई को खाली हो रही हैं, जिनके लिए निर्वाचन होना है। 31 मई तक नामांकन पत्र लिए जाएंगे। इन चार सीटों में से दो पर कांग्रेस की और एक पर भाजपा की जीत पक्की है। दोनों पार्टियां चौथी सीट को जीतने के लिए ताकत लगा रही हैं। इसके लिए कांग्रेस को दो और भाजपा को आठ विधायकों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी। इस बीच चर्चा यह भी है कि प्रियंका गांधी को राजस्थान से राज्यसभा भेजा जा सकता है। इससे उनकी सक्रिय राजनीति में सेफ इंट्री हो सकती है।
यह है राजस्थान में राज्यसभा जीत का गणित
राजस्थान की 200 सीटों वाली विधानसभा में राज्यसभा सीट जीतने के लिए 41 वोटों की जरूरत है। कांग्रेस के पास 108 और भाजपा के पास 71 वोट है। राज्यसभा की चौथी सीट जीतने के लिए कांग्रेस को 15 और भाजपा को 13 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। विधानसभा में 13 निर्दलीय, दो बीटीपी, 3 आरएलपी, 2 माकपा और 1 आरएलडी के विधायक हैं। छोटी पार्टियां और निर्दलीय ही तय करेंगे कि चौथी सीट किसके खाते में जाएंगी। सूत्रों के अनुसार 13 में से 11 निर्दलीय और आरएलडी का एक विधायक कांग्रेस को समर्थन दे सकते हैं। इस तरह चौथी सीट पर कांग्रेस अपना दावा मजबूत कर लेगी।
कांग्रेस में प्रियंका का नाम सबसे आगे
कांग्रेस से राज्यसभा भेजे जाने के लिए कई दावेदार हैं। तीन सीटों को ध्यान में रखते हुए दो टिकट राष्ट्रीय स्तर पर और एक टिकट राज्य स्तर पर दिया जा सकता है। दो पक्की सीटों पर प्रियंका गांधी, अंबिका सोनी, गुलाम नबी आजाद, अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला, जयराम रमेश और आनंद शर्मा के नाम चर्चा में हैं। वहीं, राजस्थान से भंवर जितेंद्र, रघुवीर मीणा, दुरु मियां, दिनेश खोड़निया और वर्तमान डीजीपी एमएल लाठर को भी राज्यसभा भेजा जा सकता है। अंतिम फैसले एआईसीसी की बैठक में होगा। चिंतन शिविर में युवाओं को तरजीह देने के फैसले को देखते हुए अजय माकन, सुरजेवाला की दावेदारी मजबूत मानी जा सकती है।
गहलोत ने बिछाई बिसात
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यसभा चुनावों के लिए बिसात बिछा दी है। उन्होंने निर्दलीय विधायकों से सीएम आवास पर मुलाकात की। साफ है कि बाड़ेबंदी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उनसे मिलेने वाले विधायकों में संयम लोढ़ा, खुशवीर सिंह, आलोक बेनीवाल, सुरेश टांक, रामकेश मीणा, महादेव खंडेला, ओम हुडला, बाबूलाल नागर, रमिला खड़िया, लक्ष्मण मीणा, कांति मीणा शामिल थे। इन विधायकों ने गहलोत को भरोसा दिलाया कि राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी को समर्थन देंगे।
भाजपा से एक अनार, सौ बीमार
भाजपा से ओम माथुर, मुकेश दाधिच का नाम चर्चा में है। इसके अलावा पीयूष गोयल समेत कई दावेदार दिल्ली से इस सीट पर नजर रखे हुए हैं। गुजरात, हरियाणा समेत कई राज्यों में भाजपा ने समर्थित उम्मीदवारों को उतारकर समीकरण बिगाड़े थे। लिहाजा, राजस्थान में भी कोई चौंकाने वाली घोषणा भाजपा कर सकती है। इसमें निर्दलीयों के साथ-साथ छोटी पार्टियों को लेकर चौथे उम्मीदवार को जिताने की कोशिश की जा सकती है। ऐसा हरियाणा समेत कुछ राज्यों में भाजपा कर चुकी है।
विस्तार
राजस्थान में राज्यसभा चुनावों की अधिसूचना मंगलवार को जारी होगी। प्रदेश की चार सीटें 4 जुलाई को खाली हो रही हैं, जिनके लिए निर्वाचन होना है। 31 मई तक नामांकन पत्र लिए जाएंगे। इन चार सीटों में से दो पर कांग्रेस की और एक पर भाजपा की जीत पक्की है। दोनों पार्टियां चौथी सीट को जीतने के लिए ताकत लगा रही हैं। इसके लिए कांग्रेस को दो और भाजपा को आठ विधायकों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी। इस बीच चर्चा यह भी है कि प्रियंका गांधी को राजस्थान से राज्यसभा भेजा जा सकता है। इससे उनकी सक्रिय राजनीति में सेफ इंट्री हो सकती है।
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