रामपुर। मोदी ग्लोबल हॉस्पिटल में जच्चा की मौत हो जाने के बाद परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा किया। सूचना के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई और अस्पताल को सील कर दिया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करने के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
केमरी थाना क्षेत्र के ग्राम जिवाई जदीद निवासी रमेश की पत्नी विद्या सात माह की गर्भवती थी। 11 मई 2024 की रात को उसकी हालत बिगड़ गई। विद्या की हालत बिगड़ने पर परिजन आनन-फानन में सिविल लाइन स्थित मोदी ग्लोबल हॉस्पिटल में ले आए। अस्पताल में चिकित्सक ने उसका आपरेशन करने की सलाह दी। जिसके बाद परिजनों ने हामी भरकर गर्भवती का आपरेशन करा दिया। जहां उसने एक बच्ची को जन्म दिया।
बच्ची कमजोर होने के कारण डाक्टरों की सलाह पर परिजन उसको मुरादाबाद के एक अस्पताल ले गए। उसको मशीन में रखा गया, जबकि देर रात को जच्चा की हालत बिगड़ गई ,जहां स्टाफ घबरा गया। आनन-फानन में उसको एक प्राईवेट एबुलेंस से मुरादाबाद के लिए रेफर कर दिया। परिजन उसको टीएमयू ले गए लेकिन मंगलवार की तड़के डाक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया। उसके बाद परिजन महिला को ग्लोबल हास्पिटल ले आए,लेकिन जब तक वहां से स्टॉफ जा चुका था।
परिजनों ने गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। सूचना के बाद पुलिस आ गई और शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम आ गई और अस्पताल को सील कर दिया। ऐसा माना जा रहा है कि इस अस्पताल को कुछ कमियों के चलते नोटिस भेजा गया था। इसके बावजूद अस्पताल का संचालन हो रहा था।
तीन बच्चों के सिर से उठ गया मां का साया
डाक्टरों की लापरवाही से जच्चा की मौत हो गई। मां की मौत के बाद तीन बच्चों के सिर से मां का साया उठ गया है। एक बच्ची ने अभी तक मां का मुहं तक नहीं देख पाई और मां की मौत हो गई। चार और दो वर्ष के दोनों बच्चों का रो- रोकर बुरा हाल है। जिले में निजी अस्पताल खुले हुए हैं। कई स्थानों पर बिना डाक्टरों के इलाज हो रहा है तो कहीं पर डॉक्टर ने अपने नाम से रजिस्ट्रेशन कराने के बाद वहां पर बैठते ही नहीं हैं। यह लोग अस्पताल में आने वाले लोगों को मौत बांट रहे हैं। दो दिन गर्भवती महिला के पेट में दर्द की शिकायत होने पर मोदी ग्लोबल हॉस्पिटल में ले गए थे। जहां भर्ती करने के बाद आपरेशन कर दिया। परिजन महिला की मौत का जिम्मेदार निजी अस्पताल के चिकित्सकों को मान रहे हैं। हालांकि, इस मामले में अभी किसी के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है।