RTE: अभिभावकों को खरीदनी पड़ीं यूनीफार्म व किताब कांपियां, जबकि सरकार देती है स्कूलों को इसका पैसा

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Parents buy uniform and book companies at personal expense in RTE

शिक्षा का अधिकार
– फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स

विस्तार

वित्तीय वर्ष 2022-23 में आरटीई के तहत निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले 4,270 बच्चों को सरकार की तरफ से मिलने वाली वित्तीय सहायता नहीं मिल सकी है। मजबूरन इन बच्चों के अभिभावकों को निजी खर्चे पर यूनीफार्म व किताब कापियां खरीदनी पड़ी। 

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत सीटों पर आर्थिक रूप से दुर्बल बच्चों को निशुल्क प्रवेश दिया जाता है। यह बच्चे कक्षा आठ तक निशुल्क शिक्षा ग्रहण करते हैं। इन बच्चों को यूनीफार्म व किताब कापियों के लिए सरकार की तरफ से हर साल वित्तीय सहायता मिलने का प्रावधान है। 

बेसिक शिक्षा विभाग के आंकड़ों के मुताबिक सत्र 2022-23 में जिले में 5,374 बच्चे इस योजना के तहत पढ़ रहे थे। वित्तीय वर्ष खत्म होने के बावजूद मात्र 1,104 बच्चों को यूनीफार्म व किताब कांपियों के लिए वित्तीय सहायता मिल सकी। 4,270 बच्चे वित्तीय सहायता से वंचित रह गए। इन बच्चों के अभिभावकों को निजी खर्चे पर यूनीफार्म आदि खरीदनी पड़ीं।

शासन से पिछले सत्र में आरटीई के तहत प्रवेश लेने वाले बच्चों के लिए वित्तीय सहायता की राशि 55 लाख 20 हजार रूपए प्राप्त हुई थी। नव प्रवेशित 1,104 बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान कर दी गई। अगर शासन से अतिरिक्त सहायता प्राप्त होती है तो अन्य बच्चों को भी सहायता प्रदान की जाएगी। -राहुल कुमार पंवार, बीएसए हाथरस

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