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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Sat, 26 Feb 2022 10:52 AM IST
सार
वैभव के पिता डॉ. केके वर्मा और मां वंदिता वर्मा ने बताया कि बेटे को घर पर देख बहुत अच्छा लग रहा है, लेकिन उनका भांजा आशुतोष यूक्रेन में ही फंसा है।
यूक्रेन से लौटे छात्र वैभव वर्मा अपने परिजनों के साथ
– फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
यूक्रेन के दनिप्रोपेत्रोविस्क शहर में फंसे कानपुर के शारदा नगर निवासी एमबीबीएस के छात्र वैभव वर्मा शुक्रवार तड़के चार बजे घर पहुंचे तो उनके दिल को सुकून मिला। वह गुरुवार को दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरे थे।
माता-पिता अपने लाल को लेने दिल्ली गए थे। बेटे के सकुशल घर आने पर माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वैभव ने बताया कि घर पर आकर जान में जान आई। कॉलेज की ओर से ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। फोकस उसी पर है।
वहां इस समय पढ़ाई के हालात नहीं थे। धमाकों की गूंज से डर लगा रहता था। अभी भी कई भारतीय छात्र वहां फंसे हैं। मैं उनसे बातचीत करता रहता हूं। वैभव के पिता डॉ. केके वर्मा और मां वंदिता वर्मा ने बताया कि बेटे को घर पर देख बहुत अच्छा लग रहा है, लेकिन उनका भांजा आशुतोष यूक्रेन में ही फंसा है।
वह चंडीगढ़ का रहने वाला है। दनिप्रोपेत्रोविस्क से कीव ले जाने के लिए एक बस उसके हॉस्टल पहुंची थी लेकिन तभी धमाके होने लगे और फ्लाइटें निरस्त हो गईं। उसके लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
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