लखनऊ : राजधानी लखनऊ के शहरी भूगोल में बड़ा बदलाव तय है। सरकार ने नए विधानसभा भवन के निर्माण के लिए गोमतीनगर स्थित सहारा सिटी की भूमि को प्राथमिकता देते हुए हरी झंडी देने की तैयारी में है। परियोजना को लेकर विस्तृत प्रेजेंटेशन तैयार हो रहा है, इसे जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष रखा जाएगा। इसके बाद मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिलते ही नए बजट में धनावंटन होगा।
हाल ही में नगर निगम ने सहारा सिटी की लगभग 170 एकड़ जमीन की लीज़ अवधि समाप्त होने के बाद उसे रद्द कर दिया था। साथ ही लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने भी परिसर की लगभग 75 एकड़ जमीन की लेज़ को भी रद्द किया है। इन दोनों को मिलाकर लगभग 245 एकड़ की जमीन इस क्षेत्र में मौजूद है। यह जमीन अब राज्य सरकार के नियंत्रण में आ चुकी है। सहारा समूह द्वारा विकसित यह परियोजना वर्षों से अधूरी पड़ी थी और विवादों में फंसी थी। शासन स्तर पर लीज़ समाप्ति के बाद इस क्षेत्र को सार्वजनिक प्रयोजन के लिए मुक्त घोषित करने की कार्रवाई की गई। सूत्रों के मुताबिक, सरकार की ओर से अरसे से तलाशी जा रही नई विधानसभा परिसर निर्माण के लिए यह जमीन हेतु उपयुक्त पाई गई है।
गोमतीनगर का यह इलाका पहले से शहर का सबसे विकसित क्षेत्र माना जाता है। ट्रैफिक, सुरक्षा और कनेक्टिविटी के लिहाज से यह सचिवालय, हाईकोर्ट और हाइवे के समीप स्थित है। यहां से सीएम आवास तक एलीवेटेड रोड भी बनाने का प्रस्ताव है, साथ ही मेट्रो ट्रेन कनेक्टिविटी भी होगी। नया विधानसभा भवन बनने से यह क्षेत्र राजधानी का नया प्रशासनिक हब बन सकता है।
आवास विभाग, एलडीए और राजस्व विभाग के संयुक्त दल ने भूमि की स्थिति, स्वामित्व, अधिग्रहण और निर्माण संभावनाओं पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। इसी रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष अगले सप्ताह परियोजना का मास्टर प्लान प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें प्रस्तावित भवन का आकार, सत्र हॉल, समिति कक्ष, मंत्रिपरिषद कार्यालय, मीडिया सेंटर, डिजिटल गैलरी और हरित भवन की विशेषताओं का खाका शामिल होगा।
नए विधानसभा भवन को ‘विकसित उत्तर प्रदेश @2047’ की दृष्टि से डिजिटल, ऊर्जा-कुशल और तकनीक-समर्थ संस्थान के रूप में विकसित करने की परिकल्पना की गई है। भवन में स्मार्ट लाइटिंग, सोलर एनर्जी सिस्टम, वर्चुअल वोटिंग हॉल और ई-दस्तावेज प्रणाली जैसी आधुनिक सुविधाएँ प्रस्तावित हैं। अधिकारियों के अनुसार, यह भवन उत्तर प्रदेश की विधायी गतिविधियों को भविष्य की जरूरतों के अनुरूप एकीकृत रूप देगा। 30 एकड़ में मल्टी-एक्टिविटी स्टेडियम बनाने का भी सुझाव है।
सरकार ने पहले चिड़ियाघर को खाली कराकर कुकरैल में एशिया की सबसे बड़ी नाइट सफारी विकसित करने की योजना बनाई थी। इस भूमि पर नई विधानसभा भवन की बात आई, लेकिन वन अधिनियम बाधा बन रहा था। इसी के साथ अवध शिल्पग्राम क्षेत्र में विधानसभा भवन के लिए प्रस्ताव आया था, परंतु भूमि सीमित होने और ट्रैफिक दबाव के कारण इसे अव्यवहारिक माना गया। तीसरा प्रस्ताव कठौता झील के पास गोमतीनगर विस्तार के सेक्टर-7 को लेकर था।








