Sant Vijaydas Sucide Case: मथुरा के बरसाना में हुआ संत विजयदास का अंतिम संस्कार, दर्शन को उमड़े हजारों को लोग

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राजस्थान के भरतपुर में खनन के विरोध में आत्मदाह करने वाले संत विजय राघव दास की मौत हो गई। शनिवार को जब उनके शव को पसोपा में ले जाने का प्रयास किया तो वहां अंतिम संस्कार नहीं होने दिया। पूरे दिन हंगामा होता रहा। शाम को मथुरा के बरसाना में संत विजय राघव दास का अंतिम संस्कार किया गया। 

राजस्थान अलवर से भाजपा सांसद बाबा बालक दास और भरतपुर सांसद रंजीता कोली भी मौके पर पहुंचीं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने खनन माफिया को संरक्षण देकर संत की हत्या कराई है। हंगामे के बाद उत्तर प्रदेश के मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी और अन्य की मौजूदगी में संत का अंतिम संस्कार किया गया।

गोशाला सचिव ने दी मुखाग्नि

अस्पताल में मौत के बाद संत विजय राघव दास के पार्थिव शरीर को कड़ी सुरक्षा के घेरे में बरसाना के माताजी गोशाला लाया गया। यहां उनका पार्थिक शरीर अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया। विरक्त संत रमेश बाबा के पुष्प अर्पित करने के बाद पार्थिव शरीर को मुखाग्नि माताजी गोशाला के सचिव सुनील बाबा ने दी। 

इससे पूर्व राजस्थान अलवर से भाजपा सांसद बाबा बालक दास, भरतपुर सांसद रंजीता कोली वहां पहुंचीं। उन्होंने संत रीति-रिवाज से पार्थिव शरीर को कामां के विमल कुंड में स्नान कराया। सांसद बाबा बालक दास ने आरोप लगाया कि भरतपुर जिला प्रशासन ने पसोपा में अंतिम संस्कार करने से रोक दिया।

यह था मामला

भरतपुर के आदिबद्री धाम और कनकांचल पर्वत क्षेत्र में अवैध खनन के विरोध में पसोपा में साधु-संतों के साथ अन्य ग्रामीण 551 दिन से धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। 16 जनवरी 2021 से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन संत के आत्मदाह के प्रयास के बाद खत्म हुआ। 20 जुलाई को बड़ी संख्या में साधु-संत विरोध करने के लिए जुटे। 

इसी दौरान आंदोलन स्थल पर संत विजयदास ने खुद को आग के हवाले कर दिया। पुलिस और अन्य लोगों ने उन्हें फौरन कंबल में लपेट दिया लेकिन तब तक वह 80 फीसदी झुलस चुके थे। उन्हें आरबीएम अस्पताल में भर्ती करवाया गया था लेकिन उनकी हालत गंभीर होने पर उन्हें पहले जयपुर के एसएमएस अस्पताल, फिर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

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शुक्रवार देर रात उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। शनिवार को संत विजय राघव दास का पार्थिव शरीर कड़ी सुरक्षा घेरे में बरसाना के माता जी गोशाला लाया गया। कामा के विमल कुंड में स्नान के उपरांत बरसाना स्थित माताजी गोशाला में सुनील दास ने पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी गई। 
 

विस्तार

राजस्थान के भरतपुर में खनन के विरोध में आत्मदाह करने वाले संत विजय राघव दास की मौत हो गई। शनिवार को जब उनके शव को पसोपा में ले जाने का प्रयास किया तो वहां अंतिम संस्कार नहीं होने दिया। पूरे दिन हंगामा होता रहा। शाम को मथुरा के बरसाना में संत विजय राघव दास का अंतिम संस्कार किया गया। 

राजस्थान अलवर से भाजपा सांसद बाबा बालक दास और भरतपुर सांसद रंजीता कोली भी मौके पर पहुंचीं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने खनन माफिया को संरक्षण देकर संत की हत्या कराई है। हंगामे के बाद उत्तर प्रदेश के मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी और अन्य की मौजूदगी में संत का अंतिम संस्कार किया गया।

गोशाला सचिव ने दी मुखाग्नि

अस्पताल में मौत के बाद संत विजय राघव दास के पार्थिव शरीर को कड़ी सुरक्षा के घेरे में बरसाना के माताजी गोशाला लाया गया। यहां उनका पार्थिक शरीर अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया। विरक्त संत रमेश बाबा के पुष्प अर्पित करने के बाद पार्थिव शरीर को मुखाग्नि माताजी गोशाला के सचिव सुनील बाबा ने दी। 

इससे पूर्व राजस्थान अलवर से भाजपा सांसद बाबा बालक दास, भरतपुर सांसद रंजीता कोली वहां पहुंचीं। उन्होंने संत रीति-रिवाज से पार्थिव शरीर को कामां के विमल कुंड में स्नान कराया। सांसद बाबा बालक दास ने आरोप लगाया कि भरतपुर जिला प्रशासन ने पसोपा में अंतिम संस्कार करने से रोक दिया।

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