Sawan 2022 : इस बार बेहद खास है सावन, भक्तों पर बरसेगी भगवान भोलेनाथ की कृपा, विधि-विधान से करें पूजन

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सावन का महीना इस बार बेहद खास होने वाला है। इस बार सावन में शोभन, रवि, सर्वार्थ  सिद्घ योग सहित छह योग बन रहे हैं। न्याय के देवता शनि एवं देव गुरु बृहस्पति अपनी ही राशि में वक्री रहेंगे। ज्योतिष इन योग संयोग को काफी महत्वपूर्ण मान रहे हैं। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि सावन में विधि-विधान से पूजा करने पर भक्तों पर भोले नाथ की कृपा बरसेगी। 14 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो रहा है, जो 11 अगस्त तक रहेगा। 

हिंदू पंचांग का पांचवां महीना श्रावण का होता है, जिसे सावन भी कहा जाता है। श्रावण माह के अंतिम दिन यानी कि पूर्णिमा पर चंद्रमा श्रवण नक्षत्र में होता है। इसी कारण से इस महीने का नाम श्रावण रखा गया है। इस बार श्रावण माह ग्रहों की स्थिति और अन्य कारणों के कारण खास होगा। इस माह में अगस्त को नागपंचमी एवं 11 अगस्त को रक्षा बंधन पर्व मनाया जाएगा।

सावन में दो ग्रह रहेंगे वक्री 

न्याय के देवता शनि 12 जुलाई को अपनी राशि में वक्री हो गए। वह श्रावण माह में भी वक्री रहेंगे। वहीं देव गुरु बृहस्पति 29 जुलाई से अपनी ही राशि मीन में वक्री हों जाएंगे। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि श्रावण माह में इन दोनों ग्रहों का अपनी-अपनी राशि में वक्री होना बहुत ही शुभ योग बना रहा है। ऐसा बहुत ही कम बार देखने को मिलता है जब दो बड़े ग्रह अपनी ही राशि में वक्री स्थिति में होते हैं। इस माह में कई शुभ योग बन रहे हैं। 

पहला सोमवार 18 जुलाई को है। दूसरा सोमवार 25 जुलाई को है। इस दिन अमृत सिद्ध योग बन रहा है। इस दिन प्रदोष व्रत भी रहेगा। तीसरा सोमवार एक अगस्त को रहेगा। इस दिन प्रजापति एवं रवि योग बन रहा है। जबकि चौथा सोमवार 8 अगस्त को है। इस दिन पद्म और रवि योग बनेंगे। इसके अलावा 20 जुलाई , 4, 6, 7, 10, 11 अगस्त को रवि योग बनेगा। वहीं 24 जुलाई को द्विपुष्कर योग रहेगा। 26  जुलाई को मासिक शिवरात्रि, 28 जुलाई को हरियाली अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्ध योग बनेगा। 

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सावन के पहले दिन के शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:11 से सुबह 04:52 तक
अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:59 से दोपहर 12:54 तक
विजय मुहूर्त दोपहर 02:45 से दोपहर 03:40 तक
गोधूलि मुहूर्त शाम 07:07 से शाम 07:31 तक

ज्योतिषाचार्य पंडित मुकुंद बल्लभ भट्ट ने बताया कि श्रावण माह इस बार काफी खास है। इस माह में दो बड़े ग्रह वक्री रहेंगे। इसके अलावा छह योग भी बन रहे हैं। जिसके चलते भोले नाथ की विधि-विधान से पूजा करने पर भक्तों के सभी मनोरथ पूरे होंगे। 

विस्तार

सावन का महीना इस बार बेहद खास होने वाला है। इस बार सावन में शोभन, रवि, सर्वार्थ  सिद्घ योग सहित छह योग बन रहे हैं। न्याय के देवता शनि एवं देव गुरु बृहस्पति अपनी ही राशि में वक्री रहेंगे। ज्योतिष इन योग संयोग को काफी महत्वपूर्ण मान रहे हैं। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि सावन में विधि-विधान से पूजा करने पर भक्तों पर भोले नाथ की कृपा बरसेगी। 14 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो रहा है, जो 11 अगस्त तक रहेगा। 

हिंदू पंचांग का पांचवां महीना श्रावण का होता है, जिसे सावन भी कहा जाता है। श्रावण माह के अंतिम दिन यानी कि पूर्णिमा पर चंद्रमा श्रवण नक्षत्र में होता है। इसी कारण से इस महीने का नाम श्रावण रखा गया है। इस बार श्रावण माह ग्रहों की स्थिति और अन्य कारणों के कारण खास होगा। इस माह में अगस्त को नागपंचमी एवं 11 अगस्त को रक्षा बंधन पर्व मनाया जाएगा।

सावन में दो ग्रह रहेंगे वक्री 

न्याय के देवता शनि 12 जुलाई को अपनी राशि में वक्री हो गए। वह श्रावण माह में भी वक्री रहेंगे। वहीं देव गुरु बृहस्पति 29 जुलाई से अपनी ही राशि मीन में वक्री हों जाएंगे। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि श्रावण माह में इन दोनों ग्रहों का अपनी-अपनी राशि में वक्री होना बहुत ही शुभ योग बना रहा है। ऐसा बहुत ही कम बार देखने को मिलता है जब दो बड़े ग्रह अपनी ही राशि में वक्री स्थिति में होते हैं। इस माह में कई शुभ योग बन रहे हैं। 

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