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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को समान-लिंग विवाह के मुद्दे को पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ के पास भेज दिया, जिसमें अगली सुनवाई के लिए 18 अप्रैल की तारीख तय की गई। कोर्ट ने यह भी कहा कि वह इस मामले का लाइव स्ट्रीम करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने अवलोकन में कहा कि यह मुद्दा “प्राथमिक महत्व का है” और इसे पांच-न्यायाधीशों की बेंच द्वारा स्थगित करने की आवश्यकता है।
केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि प्रेम, अभिव्यक्ति और पसंद की स्वतंत्रता का अधिकार पहले से ही बरकरार है, लेकिन इसका मतलब शादी का अधिकार प्रदान करना नहीं है।
यह एक विकासशील कहानी है
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