Scam: फिरोजाबाद में शिक्षक खा गया 11.46 करोड़ का मिड डे मील, विजिलेंस की जांच में हुआ बड़ा खुलासा

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फिरोजाबाद के शिक्षक चंद्रकांत शर्मा ने विद्यालयों में बच्चों को मिड डे मील वितरण के लिए मिले 11.46 करोड़ रुपये का घोटाला कर दिया। आगरा में उप निबंधक फर्म्स सोसायटी एवं चिट्स में फर्जी दस्तावेज से सोसायटी पंजीकृत करा ली। इसके बाद वर्ष 2008 से 2014 तक बेसिक शिक्षा विभाग और बैंकों के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से खातों में रकम जमा कराकर हड़प ली। घोटाले की रकम से कुछ सालों में ही करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन गया। मामले की शिकायत शासन में हुई। इस पर विजिलेंस जांच कराई गई। भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के साक्ष्य मिलने पर विजिलेंस आगरा सेक्टर थाना में मुकदमा दर्ज किया गया है।

आरोपी चंद्रकांत शर्मा फिरोजाबाद के शिकोहाबाद स्थित मोहल्ला खेड़ा का रहने वाला है। वह टूंडला के जाजपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक है। वर्तमान में वो आवास विकास कॉलोनी में रह रहा है। उसके खिलाफ पांच साल पहले शासन ने जांच के आदेश किए थे। गोपनीय जांच के बाद खुली जांच हुई। जांच के बाद 11.46 करोड़ का घोटाला सामने आया। इस पर 27 जुलाई को मुकदमा दर्ज किया गया। 

आरोपी ने ऐसे किया करोड़ों का घोटाला

विजिलेंस थाना में दर्ज मुकदमे के मुताबिक, आरोप है कि चंद्रकांत शर्मा ने जनवरी 2007 में सारस्वत आवासीय शिक्षा सेवा समिति, शिकोहाबाद के नाम से उपनिबंधक फर्म्स सोसायटी एवं चिट्स आगरा मंडल में पंजीकरण कराया। इसमें फर्जी पहचान पत्र और राशन कार्ड लगाए गए।

समिति में पिता को अध्यक्ष, मां को प्रबंधक व सचिव, पत्नी को कोषाध्यक्ष, चाचा, चचेरे भाई, साले और रिश्तेदारों को पदाधिकारी एवं सदस्य बना दिया। वर्ष 2011-12 में समिति में पत्नी बेबी शर्मा के शपथ पत्र के माध्यम से कुछ पदाधिकारियों की मृत्यु दर्शा दी। इसके बाद चंद्रकांत शर्मा फर्जी नाम सुनील शर्मा से कोषाध्यक्ष बन गया। उसने अपनी मां उर्मिला को भी मृत दर्शा दिया, जबकि वो जिंदा हैं।

घोटाले की रकम से बनाई आय से अधिक संपत्ति

आरोप के मुताबिक, चंद्रकांत शर्मा ने समिति का प्रयोग सार्वजनिक रूप से करने के बजाय व्यक्तिगत लाभ के लिए किया। बेसिक शिक्षा विभाग, फिरोजाबाद के अधिकारियों से सांठगांठ कर ली। फिरोजाबाद के नगरीय क्षेत्र में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में मिडडे मील वितरण का कार्य ले लिया। समिति का खाता पीएनबी में था। अधिकारियों से सांठगांठ करके चंद्रकांत शर्मा ने सुनील शर्मा बनकर खाते से वर्ष 2008 से मई 2014 तक 114648500 रुपये निकाल लिए। 

मिड डे मील की रकम को आगरा की विभिन्न बैंक और डाकघर में सांठगांठ करके अपने, पत्नी और बच्चों के नाम से खाते खोलकर जमा करा दिए। घोटाले की रकम से ही आय से अधिक संपत्ति इकट्ठा कर ली। संपत्ति को बैंकों में गिरवीं रख दिया, जिससे उन्हें वैद्य दर्शा सके। इसके बाद अलग-अलग बैंकों से ऋण ले लिया। अचल संपत्ति खरीदी गई। उसने भूखंडों पर भवन का निर्माण कराया, लेकिन किसी विभाग से नक्शा पास नहीं कराया।

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सात विभाग के अधिकारियों पर भी मिलीभगत का आरोप

मामले में उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान आगरा सेक्टर के निरीक्षक अमर सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें फिरोजाबाद के बेसिक शिक्षा विभाग, शिकोहाबाद की पंजाब नेशनल बैंक, आगरा की विभिन्न बैंक, उप निबंधक फर्म्स  एवं चिट्स आगरा, फिरोजाबाद के मिड डे मील समन्वयक, आवास विकास परिषद आगरा और टोरंट पावर लिमिटेड को नामजद किया है। मुकदमे में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1)(ए) व 13(2), धारा 420, 409, 467, 468, 471, 120 बी लगी हैं।
 

विस्तार

फिरोजाबाद के शिक्षक चंद्रकांत शर्मा ने विद्यालयों में बच्चों को मिड डे मील वितरण के लिए मिले 11.46 करोड़ रुपये का घोटाला कर दिया। आगरा में उप निबंधक फर्म्स सोसायटी एवं चिट्स में फर्जी दस्तावेज से सोसायटी पंजीकृत करा ली। इसके बाद वर्ष 2008 से 2014 तक बेसिक शिक्षा विभाग और बैंकों के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से खातों में रकम जमा कराकर हड़प ली। घोटाले की रकम से कुछ सालों में ही करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन गया। मामले की शिकायत शासन में हुई। इस पर विजिलेंस जांच कराई गई। भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के साक्ष्य मिलने पर विजिलेंस आगरा सेक्टर थाना में मुकदमा दर्ज किया गया है।

आरोपी चंद्रकांत शर्मा फिरोजाबाद के शिकोहाबाद स्थित मोहल्ला खेड़ा का रहने वाला है। वह टूंडला के जाजपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक है। वर्तमान में वो आवास विकास कॉलोनी में रह रहा है। उसके खिलाफ पांच साल पहले शासन ने जांच के आदेश किए थे। गोपनीय जांच के बाद खुली जांच हुई। जांच के बाद 11.46 करोड़ का घोटाला सामने आया। इस पर 27 जुलाई को मुकदमा दर्ज किया गया। 

आरोपी ने ऐसे किया करोड़ों का घोटाला

विजिलेंस थाना में दर्ज मुकदमे के मुताबिक, आरोप है कि चंद्रकांत शर्मा ने जनवरी 2007 में सारस्वत आवासीय शिक्षा सेवा समिति, शिकोहाबाद के नाम से उपनिबंधक फर्म्स सोसायटी एवं चिट्स आगरा मंडल में पंजीकरण कराया। इसमें फर्जी पहचान पत्र और राशन कार्ड लगाए गए।

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