धनतेरस का पर्व इस बार दो दिन 22 व 23 अक्तूबर को मनाया जाएगा। शनिवार की शाम से धनतेरस का शुभ मुहूर्त रविवार शाम तक रहेगा। दोनों ही दिन खरीदारी की जा सकेगी। इसको ध्यान में रखकर बाजार भी सज चुके हैं। पंडित अरुण कुमार शुक्ला ने बताया कि यह संयोग 27 साल बाद बन रहा है, जब दो दिन धनतेरस मनाई जाएगी। इसके साथ ही धनतेरस पर धन के कारण गुुरु और स्थायित्व के कारण शनि स्वयं को राशि मीन और मकर में गोचर हो रहे हैं। इससे पहले धनतेरस पर यह संयोग 178 वर्ष पूर्व आठ नवंबर को बना था। मुहूर्त के अनुसार रियल इस्टेट में निवेश, नए कामों की शुरुआत, वाहन, आभूषण, कपड़े और अन्य चीजों की खरीदारी अक्षय लाभ देने वाली सिद्ध होगी।
बताया कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी की शुरुआत शनिवार दोपहर 3.03 बजे से रविवार शाम 5.20 बजे तक होगी। दीपावली में प्रदोष काल की प्रधानता होती है। पंचांग के अनुसार 22 अक्तूबर को धनतेरस, 23 को रूप चतुर्दशी और 24 को महालक्ष्मी पूजा होगी। 25 को सूर्य ग्रहण तथा 26 को गोवर्धन पूजा के कारण 27 अक्तूबर को भाई दूज मनाया जाएगा। कई पंचांगों में प्रदोष काल में 22-23 अक्तूबर के दोनों दिनों में त्रयोदशी तिथि मिल रही है। 23 अक्तूबर को ही रूप चर्तुदशी का दीपदान किया जाएगा और दीपावली की 24 अक्तूबर को अभ्यंग स्नान किया जाएगा।
पांच राशियों के लिए लाभकारी आचार्य सत्यम दीक्षित ने बताया कि शनि प्रदोष पहले दिन रहेगा, वहीं दूसरे दिन सर्वार्थसिद्धि, अमृत सिद्धि योग रहेगा। दूसरे दिन शनिदेव मार्गी हो सीधी चाल चलेंगे। मेष, मिथुन, तुला, सिंह और धनु राशियों के लिए शनि का गोचर विशेष रूप से लाभकारी रहेगा। इसके अलावा अन्य राशियों के लिए मिला-जुला फल देने वाला रहेगा।
22 अक्टूबर को खरीदारी का मुहूर्त शुभ : सुबह 7:50 – 9:15 और रात 8:55 – 10:30 बजे तक। चल : दोपहर 12:05 – 1:30 बजे तक। लाभ : 1:31 – 2:55 और शाम 5:45 – 7:20 बजे तक। अमृत : दोपहर 2:55 – 4:20 और रात 10:31 – 12:05 बजे तक।
23 अक्तूबर को खरीदारी व धनवंतरी पूजन के लिए मुहूर्त चल : सुबह 7:51 – 9:15 और रात 8:54 – 10:30 बजे तक। लाभ : सुबह 9:15 – 10:40 लाभ। अमृत : 10:40 – 12:05 और रात 7:20 – 8:54 बजे तक। शुभ : दोपहर 1:30 – 2:55 व शाम 5:44 – 7:20 तक।
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धनतेरस का पर्व इस बार दो दिन 22 व 23 अक्तूबर को मनाया जाएगा। शनिवार की शाम से धनतेरस का शुभ मुहूर्त रविवार शाम तक रहेगा। दोनों ही दिन खरीदारी की जा सकेगी। इसको ध्यान में रखकर बाजार भी सज चुके हैं।
पंडित अरुण कुमार शुक्ला ने बताया कि यह संयोग 27 साल बाद बन रहा है, जब दो दिन धनतेरस मनाई जाएगी। इसके साथ ही धनतेरस पर धन के कारण गुुरु और स्थायित्व के कारण शनि स्वयं को राशि मीन और मकर में गोचर हो रहे हैं। इससे पहले धनतेरस पर यह संयोग 178 वर्ष पूर्व आठ नवंबर को बना था। मुहूर्त के अनुसार रियल इस्टेट में निवेश, नए कामों की शुरुआत, वाहन, आभूषण, कपड़े और अन्य चीजों की खरीदारी अक्षय लाभ देने वाली सिद्ध होगी।