Shardiya Navratri: हस्त नक्षत्र में हाथी पर बैठकर आएंगी मां दुर्गा, भक्तों पर बरसाएंगे कृपा, ऐसे करें पूजन

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Shardiya Navratri

Shardiya Navratri
– फोटो : iStock

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मां दुर्गा की आराधना का पर्व शारदीय नवरात्र सोमवार से शुरू हो रहा है। इस बार माता हस्त नक्षत्र में हाथी पर बैठकर आएंगी। विदाई के दौरान भी मां की सवारी हाथी ही रहेगी। मथुरा के दीपक ज्योतिष भागवत संस्थान के निदेशक ज्योतिषाचार्य कामेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने बताया कि शारदीय नवरात्र 26 सितंबर से शुरू हो रहे हैं। जब माता दुर्गा का आगमन पृथ्वी पर हाथी के साथ होता है, यह शुभ संकेत माना जाता है। शास्त्रों में हाथी को बुद्धि, ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक कहा गया है। ऐसे में यह कई तरह के शुभ संकेत और समृद्धि लाने की तरफ इशारा है। 

उन्होंने बताया कि इस बार शारदीय नवरात्र की शुरुआत 26 सितंबर से हो रही है, जोकि 5 अक्तूबर तक रहेगी। नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा का प्रावधान है। कामेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने बताया कि प्रतिपदा तिथि की शुरूआत 26 सितंबर को सुबह 03 बजकर 22 मिनट पर हो रही है। प्रतिपदा तिथि का समापन 27 सितंबर को सुबह 03 बजकर 09 मिनट पर होगा।

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग गणना के अनुसार 26 सितंबर को देवी आराधना की पूजा और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर सुबह 07 बजकर 51 मिनट तक ही रहेगा। इस मुहूर्त में किसी कारण से कलश स्थापना न कर पाएं तो दूसरा शुभ मुहूर्त अभिजीत होगा जो सुबह 11 बजकर 49 मिनट से लेकर 12 बजकर 37 मिनट तक रहेगा।

चार दिवसीय दुर्गा पूजा महोत्सव एक अक्तूबर से

भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा में शारदीय दुर्गा पूजा महोत्सव एक अक्तूबर से पांच अक्तूबर तक कालिंदी धाम में होगा। इसकी तैयारी शुरू हो चुकी है। समिति के अध्यक्ष सुनील शर्मा व महासचिव सपन साहा ने बताया कि दुर्गा पूजा महोत्सव का आयोजन वृंदावन दरवाजा क्षेत्र में 31 वर्षों से हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पूजा महोत्सव का शुभारंभ एक अक्तूबर शनिवार को दुर्गा षष्ठी से होगा। सोमवार को दुर्गा महाअष्टमी पूजा प्रात: 4:00 अपरान्ह तक होगी। महाअष्टमी को ही संधि पूजा: 3:36 दोपहर को प्रारंभ होकर दोपहर 4:24 पर होगी। मंगलवार को महानवमी पूजा 1:34 मध्यान्ह तक होगी। 

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मां दुर्गा की आराधना का पर्व शारदीय नवरात्र सोमवार से शुरू हो रहा है। इस बार माता हस्त नक्षत्र में हाथी पर बैठकर आएंगी। विदाई के दौरान भी मां की सवारी हाथी ही रहेगी। मथुरा के दीपक ज्योतिष भागवत संस्थान के निदेशक ज्योतिषाचार्य कामेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने बताया कि शारदीय नवरात्र 26 सितंबर से शुरू हो रहे हैं। जब माता दुर्गा का आगमन पृथ्वी पर हाथी के साथ होता है, यह शुभ संकेत माना जाता है। शास्त्रों में हाथी को बुद्धि, ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक कहा गया है। ऐसे में यह कई तरह के शुभ संकेत और समृद्धि लाने की तरफ इशारा है। 

उन्होंने बताया कि इस बार शारदीय नवरात्र की शुरुआत 26 सितंबर से हो रही है, जोकि 5 अक्तूबर तक रहेगी। नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा का प्रावधान है। कामेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने बताया कि प्रतिपदा तिथि की शुरूआत 26 सितंबर को सुबह 03 बजकर 22 मिनट पर हो रही है। प्रतिपदा तिथि का समापन 27 सितंबर को सुबह 03 बजकर 09 मिनट पर होगा।

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग गणना के अनुसार 26 सितंबर को देवी आराधना की पूजा और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर सुबह 07 बजकर 51 मिनट तक ही रहेगा। इस मुहूर्त में किसी कारण से कलश स्थापना न कर पाएं तो दूसरा शुभ मुहूर्त अभिजीत होगा जो सुबह 11 बजकर 49 मिनट से लेकर 12 बजकर 37 मिनट तक रहेगा।

चार दिवसीय दुर्गा पूजा महोत्सव एक अक्तूबर से

भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा में शारदीय दुर्गा पूजा महोत्सव एक अक्तूबर से पांच अक्तूबर तक कालिंदी धाम में होगा। इसकी तैयारी शुरू हो चुकी है। समिति के अध्यक्ष सुनील शर्मा व महासचिव सपन साहा ने बताया कि दुर्गा पूजा महोत्सव का आयोजन वृंदावन दरवाजा क्षेत्र में 31 वर्षों से हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पूजा महोत्सव का शुभारंभ एक अक्तूबर शनिवार को दुर्गा षष्ठी से होगा। सोमवार को दुर्गा महाअष्टमी पूजा प्रात: 4:00 अपरान्ह तक होगी। महाअष्टमी को ही संधि पूजा: 3:36 दोपहर को प्रारंभ होकर दोपहर 4:24 पर होगी। मंगलवार को महानवमी पूजा 1:34 मध्यान्ह तक होगी। 

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