फिरोजाबाद में श्री राज राजेश्वरी कैलादेवी मंदिर समिति की ओर से आयोजित शारदीय नवरात्र मेला 26 सितंबर से शुरू हो रहा है। यह मेला पांच अक्तूबर तक चलेगा। शारदीय नवरात्र के दौरान तड़के चार से पांच बजे मंगला दर्शन होंगे। रात को दस बजे के बाद मंदिर के पट बंद हो जाएंगे।
हनुमानगढ़ स्थित श्री राज राजेश्वरी कैलादेवी मंदिर समिति के सचिव नरेंद्र शर्मा ने बताया कि मेले में खेल तमाशे के साथ अन्य दुकानें लगेंगी। मंदिर परिसर में नवरात्रि के दौरान तड़के तीन बजे से लेकर रात्रि दस बजे तक हजारों की संख्या में श्रद्धालुजन पूजा अर्चना करने के साथ दर्शन करने को आते हैं।
उन्होंने मांग की है कि मंदिर में तड़के चार बजे मंगलादर्शन के साथ रात्रि दस बजे शयन होने तक प्रांगण में महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती की जाए। उन्होंने कहा कि तीन,चार एवं पांच अक्तूबर (अष्टमी,नवमीं एवं दशमी) के दिन दंडौती परिक्रमा एवं नेजा चढ़ाने वालों की भीड़ को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के लिहाज से विशेष व्यवस्था की जाए।
नवरात्र को लेकर उसायनी स्थित श्रीमाता वैष्णोदेवी का भवन विद्युत की आकर्षक रोशनी से सजाया गया है। नवरात्र के दौरान श्रद्घालुओं की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए है। मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को रैलिंग से होकर गुजरना होगा। गुफा के अंदर मोबाइल फोन, पर्स, बेल्ट ले जाने की अनुमति नहीं होगी।
दोपहर एक बजे माता के पट बंददो बजे माता जी के दर्शन को पट खुलेंगे।
शाम साढ़े छह बजे आरती के साथ ही दस बजे पट बंद होंगे।
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फिरोजाबाद में श्री राज राजेश्वरी कैलादेवी मंदिर समिति की ओर से आयोजित शारदीय नवरात्र मेला 26 सितंबर से शुरू हो रहा है। यह मेला पांच अक्तूबर तक चलेगा। शारदीय नवरात्र के दौरान तड़के चार से पांच बजे मंगला दर्शन होंगे। रात को दस बजे के बाद मंदिर के पट बंद हो जाएंगे।
हनुमानगढ़ स्थित श्री राज राजेश्वरी कैलादेवी मंदिर समिति के सचिव नरेंद्र शर्मा ने बताया कि मेले में खेल तमाशे के साथ अन्य दुकानें लगेंगी। मंदिर परिसर में नवरात्रि के दौरान तड़के तीन बजे से लेकर रात्रि दस बजे तक हजारों की संख्या में श्रद्धालुजन पूजा अर्चना करने के साथ दर्शन करने को आते हैं।
उन्होंने मांग की है कि मंदिर में तड़के चार बजे मंगलादर्शन के साथ रात्रि दस बजे शयन होने तक प्रांगण में महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती की जाए। उन्होंने कहा कि तीन,चार एवं पांच अक्तूबर (अष्टमी,नवमीं एवं दशमी) के दिन दंडौती परिक्रमा एवं नेजा चढ़ाने वालों की भीड़ को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के लिहाज से विशेष व्यवस्था की जाए।