Shri Krishna Janmabhoomi: ‘मथुरा में श्रीकृष्ण के प्रपौत्र ने बनवाया था पहला मंदिर, मुगल शासकों ने तीन बार तोड़ा’

0
29

[ad_1]

मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर बना मंदिर इतिहास के अनेक पहलुओं को खुद में समेटे हुए है। यह मंदिर मुगल शासनकाल में औरंगजेब ने ही नहीं इससे पूर्व महमूद गजनवी और सिकंदर लोदी ने भी तोड़ा था। यहां मौजूद बेशकीमती खजाने को लूटा गया। इस मंदिर को तीन बार तोड़ा और चार बार बनाया गया। इसके तोड़ने और बनाने का उल्लेख वर्तमान में मंदिर परिसर में लगे बोर्ड पर भी दर्ज है।

अयोध्या और काशी के साथ मंदिरों के पास में बनी मस्जिदों के कारण मथुरा भी चर्चित है। यहां श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद की एक ही दीवार है। कहा जाता है कि करीब 5300 साल पहले मल्लपुरा क्षेत्र के कटरा केशव देव में कंस का कारागार हुआ करता था। इसी कारागार में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इसी स्थल को भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि माना गया है। इतिहासकारों के अनुसार यहां बनाए गए मंदिरों को विदेशी मुस्लिम आक्रांताओं ने लूटा और तोड़ा है।

इतिहास के जानकार डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण के प्रपौत्र बज्रनाभ ने अपने कुलदेवता की स्मृति में यहां मंदिर निर्माण कराया था। इसके प्रमाण यहां से मिले शिलालेखों पर मिले हैं। शोडास के राज्य में वसु नामक व्यक्ति ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर मंदिर, उसके तोरण-द्वार और वेदिका का निर्माण कराया था। सम्राट विक्रमादित्य के शासन काल में 400 ईसवी में भी यहां मंदिर निर्माण कराया गया। 

यह भी पढ़ें -  Azamgarh: सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ के इस बयान से मचा बवाल, लोग कर रहे कार्रवाई की मांग

श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर भव्य मंदिर था। उस समय मथुरा की ख्याति संस्कृति और कला के बड़े केंद्र के रूप में थी। खुदाई में मिले संस्कृत के शिलालेख के मुताबिक 1150 ईस्वी में राजा विजयपाल देव के शासनकाल में श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर एक नये मंदिर का निर्माण हुआ था। उन्होंने विशाल और भव्य मंदिर का निर्माण करवाया था। इस मंदिर को सिकंदर लोदी के शासन काल में नष्ट कर दिया गया। 

डॉ. शर्मा ने बताया कि इसके बाद जहांगीर के शासनकाल के दौरान ओरछा के राजा वीर सिंह देव बुंदेला ने इसी स्थान पर मंदिर बनवाया। इस मंदिर को औरंगजेब ने सन 1669 में तुड़वा दिया। इसके एक भाग पर ईदगाह मस्जिद का निर्माण करा दिया। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के विशेष कार्याधिकारी विजय बहादुर ने बताया कि उपरोक्त इतिहास से जुड़ा बोर्ड श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में लगा हुआ है। इसका अवलोकन यहां आने वाले श्रद्धालु करते हैं।

श्रीकृष्ण जन्मस्थान के खास बिंदु

– विक्रमादित्य ने कराया था यहां दूसरा बड़े मंदिर का निर्माण

– विजयपाल देव के शासनकाल में बना जन्मस्थान पर तीसरा मंदिर

– जहांगीर के शासनकाल में चौथी बार बना मंदिर, औरंगजेब ने तुड़वाया

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here