Strike : अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए राजस्व परिषद के अधिवक्ता, नौ मंडलों को लखनऊ संबद्ध करने पर भड़के

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पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नौ मंडल के स्टांप वादों एवं समस्त स्थानांतरण प्रार्थना पत्र को लखनऊ से जोड़े जाने के आदेश पर राजस्व परिषद बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने आक्रोश जताया है। पदाधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बैठक कर राजस्व परिषद के चेयरमैन के इस आदेश की आलोचना की और आदेश वापसी तक न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया। उधर, राजस्व परिषद के रजिस्ट्रार हरिश्चंद राम का कहना है कि बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णय के आधार पर आदेश जारी हुआ है।   

बृहस्पतिवार को कार्यालय में हुई बैठक के बाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हर्ष नारायण शर्मा ने कहा कि राजस्व परिषद अध्यक्ष की इस पहल का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उनके रवैये की शिकायत की जाएगी, क्योंकि उनका यह आचरण गरिमा के खिलाफ है। यह पहले ही तय हो चुका है कि बार एसोसिएशन की सलाह के बाद ही कोई नीतिगत निर्णय लिया जाएगा। विधायिका के विरुद्ध होने सहित यह निर्णय प्रयागराज के महत्व को कम करने का कुचक्र है। जब तक बोर्ड चेयरमैन अपने 11 अगस्त 2022 के आदेश को वापस नहीं लेते, तब तक अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे।

एसोसिएशन के महासचिव बीके पांडेय ने बताया कि रजिस्ट्रार की जानकारी के मुताबिक परिषद के न्यायिक सदस्य अमरनाथ उपाध्याय को बार पदाधिकारियों से वार्ता के लिए चेयरमैन ने नामित किया है। शुक्रवार को उनसे इस बारे में वार्ता होगी।

बैठक में उपाध्यक्ष एपी सिंह, सत्येंद्र सिंह, शैलेंद्र सिंह, कल्लन उर्फ विजय शंकर तिवारी, अनुरुद्ध चतुर्वेदी, मनीष, सुरेंद्र, रेखा सिंह, गजला श्रीवास्तव, उमंग श्रीवास्तव, पंकज कुमार श्रीवास्तव, मोहन धारिया, मनोज कुमार मिश्र, उमेश चंद्र तिवारी, संतोष तिवारी, गिरीश तिवारी, नवीन कुमार पांडेय, हरिश्चंद्र सिंह आदि मौजूद रहे। वहीं, मॉडल बार एसोसिएशन के श्याम लाल यादव, बृजेश कुमार श्रीवास्तव, तेज प्रकाश, गोपाल कृष्ण श्रीवास्तव आदि ने भी निर्णय पर विरोध जताया है। 

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इन मंडलों के स्टांप वादों को किया गया लखनऊ से संबद्ध
जिन आठ मंडल के स्टांप वादों की सुनवाई लखनऊ स्थानांतरित की गई है, उसमें मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, आगरा, अलीगढ़ तथा कानपुर शामिल हैं। राजस्व परिषद बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव विजय चंद्र श्रीवास्तव, सुनीता शर्मा ने कहा कि इस मामले में याचिका दाखिल की जाएगी।

राजस्व परिषद में यह व्यवस्था की गई है कि वादों का निस्तारण कहीं भी किया जा सकता है। प्रयागराज में स्टांप वादों की संख्या अधिक है। इसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। अगर अधिवक्ताओं का विरोध है तो उस पर विचार किया जाएगा। -संजीव मित्तल, अध्यक्ष, राजस्व परिषद

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पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नौ मंडल के स्टांप वादों एवं समस्त स्थानांतरण प्रार्थना पत्र को लखनऊ से जोड़े जाने के आदेश पर राजस्व परिषद बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने आक्रोश जताया है। पदाधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बैठक कर राजस्व परिषद के चेयरमैन के इस आदेश की आलोचना की और आदेश वापसी तक न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया। उधर, राजस्व परिषद के रजिस्ट्रार हरिश्चंद राम का कहना है कि बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णय के आधार पर आदेश जारी हुआ है।   

बृहस्पतिवार को कार्यालय में हुई बैठक के बाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हर्ष नारायण शर्मा ने कहा कि राजस्व परिषद अध्यक्ष की इस पहल का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उनके रवैये की शिकायत की जाएगी, क्योंकि उनका यह आचरण गरिमा के खिलाफ है। यह पहले ही तय हो चुका है कि बार एसोसिएशन की सलाह के बाद ही कोई नीतिगत निर्णय लिया जाएगा। विधायिका के विरुद्ध होने सहित यह निर्णय प्रयागराज के महत्व को कम करने का कुचक्र है। जब तक बोर्ड चेयरमैन अपने 11 अगस्त 2022 के आदेश को वापस नहीं लेते, तब तक अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे।

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