नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक मामले में न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी को बुधवार को अवैध करार दिया और उन्हें रिहा करने का आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने यह आदेश दिया है। समाचार पोर्टल के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, न्यूजक्लिक को कथित तौर पर भारत की संप्रभुता को बाधित करने और देश के खिलाफ असंतोष पैदा करने के लिए चीन से धन मिला था।
प्राथमिकी में यह भी आरोप है कि पुरकायस्थ ने 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान चुनावी प्रक्रिया में व्यवधान पहुंचाने के लिए पीपल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म (पीएडीएस) नामक समूह के साथ साजिश रची थी।