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सूर्य ग्रहण
– फोटो : फाइल
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पखवाड़े के भीतर दो ग्रहण की खगोलीय घटना के प्रभाव पर विमर्श के लिए वैदिक एजुकेशनल रिसर्च सोसायटी की ओर से आयोजित परिचर्चा में विद्वानों ने कहा कि पखवाड़े में दो ग्रहण विश्व के लिए शुभ नहीं है। गुरुवार को आयोजित परिचर्चा की अध्यक्षता कर रहे पं. शिवपूजन चतुर्वेदी ने कहा कि महाभारत काल में भी 15 दिन में दो सूर्यग्रहण लगा था। उस समय महायुद्ध हुआ, जिसमें लाखों लोग हताहत हुए। दीपावली के अगले दिन सूर्यग्रहण और देवदीपावली पर भी चंद्रग्रहण लग रहा है।
विशिष्ट अतिथि बीएचयू के संस्कृत विद्या एवं धर्म विज्ञान संकाय के पूर्व अध्यक्ष प्रो. चंद्रमा पांडेय ने महाशक्तियों का आह्वान किया कि घृणा और युद्ध का मार्ग छोड़कर वेदों की शरण में आएं। संकाय के प्रो. रामजीवन मिश्र ने कहा कि वैदिक धर्म का पालन करते हुए यज्ञों के माध्यम से प्रकृति में उत्पन्न विक्षोभ को शांत करने का प्रयत्न काशी के विद्वानों को करना चाहिए।
सूर्यग्रहण काल 25 अक्तूबर
- – स्पर्श शाम 04:42 बजे
- – मध्यकाल शाम 05: 02 बजे
- – मोक्षकाल शाम 05:22 बजे
- – सूर्यास्त शाम 05: 37 बजे
- – सूर्यग्रहण सूर्यास्त से 15 मिनट पूर्व समाप्त हो जाएगा
- – सूर्यग्रहण की संपूर्ण अवधि 7 घंटा 5 मिनट है किन्तु काशी में संपूर्ण सूर्यग्रहण 40 मिनट का है
- – 8 नवंबर को खग्रास चंद्रग्रहण दृश्य होगा
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