सरहद पर अवैध वसूली कांड में फरार निलंबित थानाध्यक्ष एसओजी ने किया गिरफ्तार

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बलिया। बलिया जिले के नरही क्षेत्र में बिहार राज्य की सरहद पर पुलिसकर्मियों द्वारा वाहन चालकों से कथित वसूली के मामले में निलम्बित थानाध्यक्ष को एसओजी ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। आजमगढ़ परिक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक वैभव कृष्ण ने रविवार शाम ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि बलिया पुलिस के विशेष अभियान समूह की टीम ने नरही के निलम्बित थानाध्यक्ष पन्ने लाल को आज गोरखपुर से गिरफ्तार कर लिया।

उन्होंने गत 25 जुलाई को संवाददाताओं को बताया था कि बलिया जिले के नरही थाना क्षेत्र में बिहार सीमा पर पुलिस कर्मियों द्वारा वाहनों से कथित वसूली का वाराणसी परिक्षेत्र के अपर पुलिस महानिदेशक पीयूष मोर्डिया की अगुवाई में वरिष्ठ अधिकारियों ने भंडाफोड़ किया था। पुलिस ने इस मामले में दो पुलिसकर्मियों और 16 बिचौलियों को गिरफ्तार किया था।

कृष्ण ने बताया कि इस मामले में नरही थानाध्यक्ष पन्ने लाल तथा कोरंटाडीह चौकी के प्रभारी राजेश कुमार प्रभाकर समेत चौकी में तैनात सभी पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर दिया था। इस बीच, पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने रविवार को संवाददाताओं को बताया कि इस मामले में फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है।
पुलिस उप महानिरीक्षक कार्यालय में निरीक्षक सुशील कुमार की तहरीर पर नरही थाने में पन्ने लाल, राजेश कुमार प्रभाकर, मुख्य आरक्षी विष्णु यादव और आरक्षी बलराम सिंह, दीपक मिश्रा, हरि दयाल और सतीश गुप्ता सहित कुल 23 लोगों के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

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कुछ ऐसे होता था वसूली का खेल
भरौली चेक पोस्ट गंगा नदी के पुल पर बना है। यहां से उत्तर प्रदेश और बिहार ट्रकों का आना जाना होता है। इन ट्रकों के माध्यम से शराब, पशु और लाल बालू की तस्करी होती है। मौके से गिरफ्तार कांस्टेबल हरदयाल सिंह ने बताया कि हर दिन रात में इस चेक पोस्ट से करीब 1000 ट्रक गुजरते हैं। प्रति ट्रक 500 रुपए वसूले जाते हैं। यानी एक दिन में 5 लाख रूपये की उगाही की जा रही थी। यानी महीने की कमाई डेढ़ करोड़ रुपए थी। पुलिसकर्मी अपने लोगों को दलाल बनकर यह उगाही कर रहे थे।

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